Earthquake Preparedness SOP Issued for Animal Welfare in Bihar भूकंप से पशुओं की जान बचाने को एसओपी जारी, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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भूकंप से पशुओं की जान बचाने को एसओपी जारी

प्रखंड स्तर पर भी बनाए जाएंगे नोडल अधिकारी बिहार के अधिकांश जिले भूकंप संवेदनशील क्षेत्र

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरThu, 17 April 2025 05:26 AM
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भूकंप से पशुओं की जान बचाने को एसओपी जारी

भागलपुर, वरीय संवाददाता। पशु और मत्स्य संसाधन विभाग ने भूकंप से पशुओं की जान को बचाने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी किया है। इस आपदा के लिए प्रखंड स्तर तक नोडल अधिकारी बनाए जाएंगे। जो भूकंप आने पर पशुओं को जल्द सहायता पहुंचाने का काम करेंगे। पशुओं को कृषि उपकरण, वजनी सामानों से दूर रखने की सलाह दी गई है। एसओपी के मुताबिक मृत पशुओं को शहरी आबादी से दूर दफनाया जाएगा। विभाग ने जिलों को तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए हैं। इसको लेकर जिला पशुपालन पदाधिकारी (डीएचओ) डॉ. अंजली कुमारी ने तमाम पशु चिकित्सा पदाधिकारियों को एसओपी के हिसाब से तैयारी करने को कहा है। डीएचओ ने बताया कि बिहार के अधिकांश जिले भूकंप संवेदनशील क्षेत्रों के अंतर्गत आते हैं। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी एसओपी में निर्धारित मापदंड के तहत भूकंप की स्थिति में पशुओं के जोखिम न्यूनीकरण का निर्देश है। एसओपी में दायरे के बारे में बताया गया कि भूकंप से पशुओं को क्षति व चोट लगने की संभावना अधिक रहती है। आपदा में चारा की उपलब्धता एवं दूषित पानी होने की समस्याओं से पशुओं को सामना करना पड़ता है।

पशुओं को जल्द सहायता पहुंचाने के लिए मिले निर्देश

भूकंप की स्थिति में किसी भी स्रोत से पशुओं के घायल होने की सूचना प्राप्त होने पर घटना स्थल से नजदीकी पशु चिकित्सक, पारा वेट, मोबाइल वेटनरी यूनिट (एमवीयू) अविलम्ब पहुंच कर प्राथमिक उपचार करेंगे। भूकंप से प्रभावित पशुओं की संख्या और मौसम के आधार पर आवश्यकतानुसार पशु शिविर की स्थापना और चारा वितरण का कार्य डीएम के निर्देशानुसार डीएचओ करेंगे। घायल पशुओं की चिकित्सा घटना स्थल पर शिविर लगाकर भी किया जा सकता है। गंभीर रूप से घायल पशुओं को घटना स्थल से पशु चिकित्सालय तक परिवहन के लिए एम्बुलेट्री वैन, एनिमल एंबुलेंस और अन्य उपलब्ध वाहनों का उपयोग किया जाएगा।

शहरी आबादी से दूर मृत पशुओं को दफनाया जाएगा

भूकंप से मृत पशुओं के शवों का निस्तारण आबादी एवं शहरी क्षेत्रों से दूर सुरक्षित स्थान पर होना चाहिए। शहरी क्षेत्रों में नगर निकाय से समन्वय स्थापित कर शवों का निस्तारण किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय जन-प्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित कर शवों का निस्तारण किया जाएगा।

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