बोले पूर्णिया, शिक्षा के लिए मोबाइल जरूरी, अत्यधिक प्रयोग हानिकारक
पूर्णिया में स्वास्थ्य नगरी में बच्चों के अत्यधिक मोबाइल और टीवी के प्रयोग से आंखों की समस्याएं बढ़ रही हैं। महीनें में 24 से अधिक बच्चे आंखों का इलाज कराने आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों...

प्रस्तुति: कुंदन कुमार सिंह मोबाइल और टीवी का प्रयोग अत्यधिक प्रयोग बच्चों के जीवन पर कई तरह से प्रभाव डाल रहा है। यह प्रभाव न केवल उनकी शारीरिक और मानसिक सेहत पर पड़ता है, बल्कि उनके सामाजिक और शैक्षिक जीवन पर भी पड़ता है। पूर्णिया के स्वास्थ्य नगरी में आंख कान के बाल रोगी को देखकर सामाजिक चिंता बढ़ रही है। अभी लाइन बाजार के स्वास्थ्य नगरी में 24 से अधिक बच्चे महीने में आंखों का इलाज कराने आते हैं और जानकार बताते हैं कि 2 लाख से अधिक बच्चे मोबाइल टीवी की लत के शिकार हो गए हैं। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य नगरी लाइन बाजार में 1 साल के अंदर अमूमन 3000 बच्चों एवं किशोर को चश्मा लगा है।
यह मसला पूरे समाज के लिए चिंता और चिंतन का विषय बन गया है। लोग बताते हैं कि मोबाइल और टीवी का प्रयोग ज्ञान के लिए अच्छा है मगर अत्यधिक प्रयोग से हानि ही हानि है। अत्यधिक मोबाईल का सेवन बच्चों के आंखों के सेहत को बिगाड़ सकता है। इसलिए बच्चों को पूरी तरह से सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। मोबाईल की अत्यधिक सेवन कई तरह की परेशानी खड़ी कर देती है। बच्चों को कम समय में चश्मा लगाने की जरूरत आ पड़ती है। इसलिए मोबाईल सेवन से बच्चों को भी बचना चाहिए और अभिभावकों को भी इसके प्रति विशेष नजर रखने की जरूरत है। इस संदर्भ में बोले पूर्णिया को लेकर बच्चों से जब बातचीत की गई तो कई बच्चों ने इसके सेवन से परहेज रखने की जरूरत जतायी। बच्चों ने एक स्वर से कहा कि बहुत जरूरत की स्थिति में इसका सेवन करें तो अच्छा रहेगा। मोबाईल का सेवन का नियमित प्रयोग होगा तो निश्चित रूप से एक बड़ी परेशानी बन सकती है। इस संदर्भ में छात्रा कल्याण कुमारी ने बताया कि अभी मोबाईल की जरूरत तो पड़ती है लेकिन इसे जरूरत तक सीमित रखना चाहिए। फिजूल को मोबाईल सेवन अच्छा नहीं है। यह आपकी आंखो की सेहत को बिगाड़ देगी। वे बताती है कि मोबाईल की रेडियेशन से आंखों में जलन और दिक्कत सामने आने लगेगी। इसलिए इससे बचना चाहिए। छात्रा तुलिका बताती है की निश्चित रूप से बच्चों को इससे दूर रहना चाहिए। अभी के समय में लगभग परिवारों में बच्चों को मोबाईल की लत लग गई है। मोबाईल के बगैर कुछ करेंगे नहीं। मोबाइल नहीं दीजिए तो रोने धोने का बच्चों में आदत लग गई है। इसलिए शुरु से बच्चों का मोबाईल की लत लगाने से दूर रखें तो बहुत अच्छा रहेगा। बालिका कोमल और अदिति भी बताती हैं की घर घर में बच्चों को मोबाईल की आदत लग गई है। यह आदत परेशानी खड़ी कर देती है। कुछ बच्चे रात्री में भी मोबाईल को देखते हैं। इसलिए कोशिश होनी चाहिए की बच्चों को मोबाईल से दूर रखें। 1.मोबाइल का ज्यादा प्रयोग अच्छा नहीं है। इससे आंखों पर असर पड़ता है। इसलिए इसके प्रभाव से बचने के लिए सीमित और जरूरी में उपयोग करे। कल्याणी कुमारी, छात्रा 2.मोबाइल और टीवी से बच्चो के आंखों पर बुरा प्रभाव डालता है। इसलिए इसका प्रयोग बहुत जरूरी में करना चाहिए। सृष्टि कुमारी 3. मोबाइल ऐसा हो गया कि छोटे बच्चे भी अपना खेल उसी से खेलने लगे है। यह लत बच्चो को नहीं लगाना चाहिए। यह आंख पर असर करता है। भाव्या कुमारी। 4.मोबाइल और टीवी दोनों नजदीक से और ज्यादा समय नहीं देखना चाहिए। खासकर बच्चे को इससे दूरी बनानी चाहिए। खुशी कुमारी 5. अभिभावक के सामने बच्चो की भी परेशानी है।छोटे बच्चे मोबाइल देखकर खाना खाएंगे। बच्चे रो रहे है तो शांत करने के लिए मोबाइल थमा देंगे। इससे बचने की जरूरत है। तृषा कुमारी 6. टीवी हो या फिर मोबाइल इसका रेडियेशन आंख को ज्यादा प्रभाव डालता है।इसलिए खासकर बहुत छोटे बच्चों को नहीं देखने देना चाहिए। केसर गामी 7. अभिभावक को किसी भी बच्चो को आंखों पर पड़ने वाली चीजों से परहेज रखना चाहिए। इससे कम समय जो चश्मे बच्चो को लग जाता है। इससे बचेंगे। तूलिका कुमारी 8. मोबाइल और टीवी के ज्यादा सेवन से आंखों में सूखापन की परेशानी भी हो सकती है। इसलिए इससे ज्यादा से ज्यादा बचकर रहने की जरूरत है। सेजल कुमारी 9. बच्चे खेल कूद से दूर हो रहे है। यह स्वास्थ्य और अच्छे सेहत के लिए ठीक नहीं है। इससे बच्चे मोबाइल में लग जाते है। इसलिए बाहरी खेल भी होना चाहिए। अदिति कुमारी 10.बच्चो को खेल कूद के प्रति रुझान होना चाहिए। इससे मोबाइल टीवी से बचे रहेंगे, आजकल हर छोटे बच्चे को टीवी या फिर मोबाइल की लत लग जाती है। इससे बचाए रखने की जरूरत है। कोमल कुमारी 11. किसी भी चीजों का अत्यधिक सेवन अच्छी आदत नहीं है। इससे खासकर कोमल अंग आंख पर प्रभाव पड़ता है। मेरा कहना मोबाइल के सेवन पर है। इसलिए इससे बचाए रखने की जरूरत है। एकलव्य कुमार 12. टीवी को काफी नजदीक से और ज्यादा समय नहीं देखना चाहिए। खासकर छोटे बच्चे को देखने पर अभिभावक की नजर होनी चाहिए। आंख पर तो काफी असर पड़ता है। राज राय 13. सभी छोटे बच्चों को मोबाइल के सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए। यह आदत बाद के दिनों में आंख की परेशानी बढ़ा देगी । इसलिए खुद को बचे रहने के साथ अन्य को भी सावधानी पर ध्यान देना चाहिए। नैनसी कुमारी 14. घर घर में बच्चो को मोबाइल और टीवी कार्टून देखने की आदत बन रही है। यह आदत से बचाए रखने की हम बच्चो को जरूरत है। तभी आगे की परेशानी से बचे रहेंगे। संस्कृति कुमारी 15.आंख बहुत कोमल अंग है। इसलिए हम छोटे बच्चे को मोबाइल जैसी चीजों से दूर रहना चाहिए। इससे अक्सर कम समय में जो चश्मा लग जाता है। यह नहीं होगा। साक्षी कुमारी 16.ज्यादातर छोटे बच्चों को मोबाइल दे दिया जाता है। यह सेहत के दृष्टि से ठीक नहीं है। हमारे जैसे बच्चो को इससे दूरी बनाकर रहना चाहिए। शिव प्रिया बोले जिम्मेदार 1. मोबाइल का अत्यधिक प्रयोग से आंखों में ड्राइनेस की परेशानी होती है। कम समय में बच्चो को चश्मा लग जाता है। अत्यधिक मोबाइल सेवन से बच्चों में दूर दृष्टि की दिक्कत सामने आएगी। बच्चो पर साइकॉलोजिकल असर पड़ता है। परिवार के लोगों से बातचीत कम करने लगेगा। सिर्फ मोबाइल में लगा रहेगा। इसलिए जितना संभव हो की बच्चो को इससे दूर रखे। डॉ एके ओझा, आंख रोग विशेषज्ञ, पूर्णिया 2. मोबाइल का अत्यधिक प्रयोग समाज के लिए काफी हानिकारक है। इससे बच्चों का सामाजिक ताना-बाना भी खराब हो रहा है। नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी के बीच की संवाद भी खत्म होते जा रहा है इसको लेकर समाज के बुद्धिजीवियों को चिंतन करनी पड़ेगी। हमारी कोशिश होगी कि घर-घर महिलाओं को और स्कूल के शिक्षकों को भी इस संबंध में बच्चों को जागरूक करवाने के लिए तैयार करना होगा। विजय खेमका, विधायक सदर पूर्णिया
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