Unseasonal Rain and High Winds Devastate Farmers in Kishanpur सुपौल: बारिश बनी किसान की मुसीबत, गेहूं फसल को नुकसान, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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सुपौल: बारिश बनी किसान की मुसीबत, गेहूं फसल को नुकसान

किशनपुर में बेमौसम बारिश और तेज हवा ने किसानों की फसलें बर्बाद कर दी हैं। गेहूं और मक्का की फसलें भींग गई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। किसान सरकार से क्षतिपूर्ति की मांग कर रहे हैं। अब...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरThu, 10 April 2025 05:57 PM
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सुपौल: बारिश बनी किसान की मुसीबत, गेहूं  फसल को नुकसान

किशनपुर, एक संवाददाता। प्रखंड क्षेत्र में बुधवार कि रात हुई तेज हवा के साथ बेमौसम वर्षा ने किसानों की कमर ताेड़ दी है। खेतों में लहलहा रही गेहूं ,मक्का सहित अन्य फसलें जमीन पकड़ लिया है। आम और लीची के मंजर भी झड़ गए। किसान व्यापक पैमाने पर हुई क्षति का आकलन कर सरकार से क्षतिपूर्ति देने की मांग की है। किसान रामकिशुन साह,नित्यानंद झा, हर्षनाथ झा, रामलोचन, साह, मुकेश यादव, रामस्वरूप यादव, बलदेव यादव, महावीर झा,सदानंद सदा, मोहन पासवान आदि किसानों ने बताया कि बुधवार कि देर रात काल बनकर आई बारिश से एक ओर जहां गेहूं की कटाई युद्धस्तर पर चल रही थी तो वहीं दुसरी ओर आधी रात हुई तेज बारिश ने किसानों की महीनों की मेहनत पर पानी फेर दिया। खेतों में कट कर पड़ी फसल भींग गई। जिससे भारी नुकसान हुआ है। प्रखंड क्षेत्र के किसानों ने बताया कि वे गेहूं की कटाई के अंतिम चरण में थे। अधिकांश खेतों में फसल कट चुकी थी और भूसा भी खेतों में ही रखा गया था। किसान दिन-रात मेहनत कर फसल को घर पहुंचाने की तैयारी में जुटे थे लेकिन अचानक आसमान में छाए बादलों और वज्रपात के साथ हुई तेज बारिश ने सारी उम्मीदों को तोड़ दिया। किसानो ने बताया कि बारिश से न सिर्फ फसल भीग गई है। बल्कि उसकी गुणवत्ता पर भी असर पड़ा है। अब फसल को थ्रेशर से कतरना भी मुश्किल हो गया है। क्योंकि गेहूं पूरी तरह से गीला हो चुका है। वहीं भूसा भी भीग गया है। जिससे उसका उपयोग तत्काल नहीं हो सकेगा। स्थानीय किसानों ने प्रशासन से सहायता की मांग की है। उनका कहना है कि यदि शीघ्र राहत नहीं मिली तो उन्हें भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा। इस समय जब किसान अपनी मेहनत का फल काटने की उम्मीद में थे। तब मौसम की मार ने उन्हें निराश कर दिया है। अब फसल सूखने और दोबारा प्रक्रिया में आने में कई दिन लग सकते हैं जिससे आगे की खेती भी प्रभावित होगी।

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