बिहार में किसानों को बिना रुकावट के बिजली मिलेगी, 2200 करोड़ रुपये खर्च करेगी कंपनी
बिहार के किसानों को बिना रुकावट के बिजली देने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसके लिए राज्य भर में बिजली के पोल, ट्रांसफर लगाने के लिए बिजली कंपनी 2200 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

बिहार के किसानों को पटवन (सिंचाई) की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए निर्बाध बिजली दी जाएगी। इसके लिए कंपनी ने 31 हजार से अधिक ट्रांसफार्मर लगाने का निर्णय लिया है। इसमें उत्तर बिहार के जिलों में 18 हजार तो दक्षिण बिहार में 12 हजार से अधिक ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। कंपनी ने इस योजना को 3 साल के भीतर पूरा करने का निर्णय लिया है। कंपनी की योजना के अनुसार किसानों को बिजली कनेक्शन देने से लेकर ट्रांसफार्मर, तार-पोल लगाने में लगभग 2200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
कंपनी अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना-दो के तहत राज्य के किसानों को नि:शुल्क बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है। कंपनी ने चार लाख 80 हजार किसानों को कनेक्शन देने का निर्णय लिया है। इसके तहत उत्तर बिहार में दो लाख 90 हजार तो दक्षिण बिहार में एक लाख 90 हजार किसानों को कनेक्शन देने का निर्णय लिया है। इस मद में 143 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
इतनी संख्या में किसानों को कनेक्शन मिलने के बाद उन्हें निर्बाध बिजली देने की भी चुनौती होगी। इसी के तहत कंपनी ने तय किया है कि तीन वित्तीय वर्ष में राज्य में किसानों की जरूरत के अनुसार वितरण ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। कंपनी ने 25 केवीए के 27 हजार 970 ट्रांसफार्मर लगाने का निर्णय लिया है। इसके तहत उत्तर बिहार में 17 हजार 43 तो दक्षिण बिहार में 10 हजार 927 ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। इस मद में 724 करोड़ खर्च होंगे। वहीं 63 केवीए में 3108 वितरण ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। इसमें उत्तर बिहार में 1894 तो दक्षिण बिहार में 1214 ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। इस मद में 87 करोड़ 33 लाख खर्च होंगे।
ट्रांसफार्मर के साथ ही किसानों के खेतों तक बिजली पहुंचाने के लिए तार-पोल भी बिछाए जाएंगे। कंपनी ने 11केवी का 12431 सर्किट किलोमीटर तार बिछाने का निर्णय लिया है। इसके तहत 11केवी लाइन में रैबिट कंडक्टर 2486 सर्किट किलोमीटर तार बिछाया जाएगा। इसमें उत्तर बिहार में उत्तर बिहार में 1515 तो दक्षिण बिहार में 971 सर्किट किलोमीटर तार बिछाए जाएंगे।
11 केवी में बिजेल कंडक्टर में 9945 सर्किट किलोमीटर तार बिछाए जाएंगे जिसमें उत्तर बिहार में 6060 सर्किट किलोमीटर तो दक्षिण बिहार में 3885 सर्किट किलोमीटर तार बिछाए जाएंगे। बिजली तारों को खेतों तक ले जाने के लिए 22 हजार 717 पोल लगाए जाएंगे। इसके तहत उत्तर बिहार में 13843 तो दक्षिण बिहार में 8876 पोल लगाए जाएंगे।