जर्जर भवन में चल रहा अस्पताल का कार्यालय, जान जोखिम में डाल काम करते कर्मी
बार छत से गिरे मलबे की वजह से कंप्यूटर एवं अन्य जरूरी सामान क्षतिग्रस्त होते- होते बचा है। निरीक्षण के बाद भी कार्रवाई शून्य: अस्पताल के कार्य

फोटो तारापुर 1- कार्यालय कक्ष का जर्जर छत जर्जर भवन में चल रहा अस्पताल का कार्यालय, जान जोखिम में डाल काम करते कर्मी
भवन की छत पूरी तरह जर्जर, टूटकर गिरता रहता है प्लास्टर
तारापुर, निज संवाददाता। कमरे की कमी के कारण अस्पताल का मुख्य प्रशासनिक कार्यालय पुराने जर्जर भवन में संचालित हो रहा है। कर्मचारी जान जोखिम में डालकर जर्जर भवन में काम करने को मजबूर हैं। भवन की छत की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि प्लास्टर की परतें टूट-टूटकर नीचे गिर रही हैं। इससे कर्मचारी सहमे रहते हैं। कार्यालय के कर्मियों की मानें तो वे प्रतिदिन अपनी जान हथेली पर रखकर ड्यूटी करते हैं। कई बार छत से गिरे मलबे की वजह से कंप्यूटर एवं अन्य जरूरी सामान क्षतिग्रस्त होते- होते बचा है।
निरीक्षण के बाद भी कार्रवाई शून्य: अस्पताल के कार्यालय कक्ष की जर्जर स्थिति को लेकर कई बार संबंधित अधिकारियों एवं सिविल सर्जन ने भी निरीक्षण किया है। इसके बाद भी ने तो भवन की मरम्मत करायी गयी और न ही कार्यालय को दूसरी जगह शिफ्ट ही किया गया है। कार्यालय कर्मियों का कहना है कि समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो कभी हादसा हो सकता है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने भी कई बार इस मुद्दे को उठाया है। लोगों का कहना है कि जर्जर भवन की मरम्मत करायी जाये या किसी दूसरे भवन में स्थानांतरित किया जाए, जिससे कर्मचारियों एवं कार्यालय आने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
क्या कहती हैं प्रभारी उपाधीक्षक:
अस्पताल की प्रभारी उपाधीक्षक डा. बिंदु कुमारी ने बताया कि कार्यालय अस्पताल के पुराने भवन में जगह अभाव के कारण संचालित हो रहा है। जर्जर भवन की जगह नये भवन बनवाने के लिए विभाग को पत्राचार किया गया है। उम्मीद है जल्द ही भवन बनाये जाने का काम शुरू किया जाएगा।
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