बिहार में रिकॉर्ड 8303 मेगावाट बिजली की खपत, भीषण गर्मी में बढ़ी डिमांड
बिहार में बिजली पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश और बंगाल की तुलना में सस्ती है। सस्ती बिजली मिलने के कारण भी राज्य के सर्वांगीण विकास की दर बढ़ी है एवं विद्युत की मांग में लगातार वृद्धि भी हो रही है। बिहार ने बिजली क्षेत्र में अनेक कीर्तिमान स्थापित किए हैं।dd

बिहार में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण बिहार में रिकॉर्ड बिजली की खपत हो रही है। मंगलवार की रात 10 बजे के बाद बिहार में 8303 मेगावाट बिजली की खपत हुई जो अब तक का रिकॉर्ड है। पिछले साल 23 सितम्बर को हुई रिकॉर्ड बिजली खपत 8005 से यह 298 मेगावाट अधिक है। देर रात तक इसमें और वृद्धि की उम्मीद है। इस साल जिस हिसाब से गर्मी पड़ रही है, 9 हजार मेगावाट का आंकड़ा पार होने की संभावना है।
बिजली कंपनी के अधिकारियों के अनुसार अब तक की सबसे अधिक मांग को पूरा कर बिहार ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में बिहार में बिजली उपभोक्ताओं की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए ऊर्जा विभाग एवं बिजली कंपनियां प्रतिबद्ध हैं। विद्युत आपूर्ति की अधिकतम मांग में निरंतर वृद्धि राज्य में सर्वांगीण एवं समावेशी विकास का द्योतक है।
यही कारण है कि बिहार बिजली की आपूर्ति और मांग के क्षेत्र में निरंतर नया इतिहास रच रहा है। दोनों विद्युत वितरण कंपनियों- नॉर्थ और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड विद्युत आपूर्ति की अधिकतम मांगों को पूरा किया। वर्ष 2005 में अधिकतम मांग 700 मेगावाट थी जो वर्तमान में बढ़कर 8303 मेगावाट हो गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश के आलोक में बिहार के लोगों को सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध करायी जा रही है जिस मद में इस वर्ष राज्य सरकार द्वारा 15,995 करोड़ की सब्सिडी दी गई है।
इसके फलस्वरूप बिहार में बिजली पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश और बंगाल की तुलना में सस्ती है। सस्ती बिजली मिलने के कारण भी राज्य के सर्वांगीण विकास की दर बढ़ी है एवं विद्युत की मांग में लगातार वृद्धि भी हो रही है। बिहार ने बिजली क्षेत्र में अनेक कीर्तिमान स्थापित किए हैं। 2005 में जहां बिहार में केवल 17 लाख उपभोक्ता थे, वह अब बढ़कर 2 करोड़ 13 लाख से अधिक हो गए हैं। प्रति व्यक्ति बिजली खपत उस समय मात्र 70 यूनिट थी। अब बढ़कर 360 यूनिट हो गई है। शहरी क्षेत्रों में 23-24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 21-22 घंटे बिजली दी जा रही है।
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि राज्य में बिजली की मांग निरंतर बढ़ रही है। जरूरतों को पूरा करने के लिए हमारी टीम उत्पादन, संचरण एवं वितरण पर निरंतर काम कर रही है।