20 फीसदी कमीशन दो और ले जाओ पीएफ की बकाया राशि!
20 फीसदी कमीशन दो और ले जाओ पीएफ की बकाया राशि!20 फीसदी कमीशन दो और ले जाओ पीएफ की बकाया राशि!20 फीसदी कमीशन दो और ले जाओ पीएफ की बकाया राशि!20 फीसदी कमीशन दो और ले जाओ पीएफ की बकाया राशि!

20 फीसदी कमीशन दो और ले जाओ पीएफ की बकाया राशि! डीडीसी ने लिपिक की करतूत के बदले डीईओ-डीपीओ को किया तलब कहा-बकाया राशि दिये बगैर कैसे दे दिया गया भुगतान कर देने का प्रतिवेदन मामला 42 साल की बकाया भविष्य निधि की राशि का भुगतान कराने का डीडीसी के धावा दल के समक्ष पेश होंगे आरोपित लिपिक के अलावा स्थापना डीपीओ व डीईओ बिहारशरीफ, कार्यालय संवाददाता। अक्सर विवादों से घिरा रहने वाला जिला शिक्षा विभाग इन दिनों फिर से सुर्खियों में है। इस बार एक लिपिक की कथित करतूत की वजह से डीईओ व स्थापना डीपीओ भी लपेटे में आ गये हैं। डीडीसी द्वारा निर्मित धावा दल के समक्ष कमीशन मांगने के आरोपित लिपिक के साथ ही डीईओ व डीपीओ को भी पेश होने का फरमान सुनाया गया है। डीडीसी ऑफिस में 25 अप्रैल को साढ़े तीन बजे मामले की गहन सुनवाई होगी। इस दिन ‘20 फीसदी कमीशन दो और ले जाओ पीएफ की बकाया राशि वाले मामले पर बिन्दुवार चर्चा होगी। डीडीसी श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर ने बताया कि बिहार अराजपत्रित संस्कृत प्राथमिक सह माध्यमिक शिक्षा संघ के महासचिव रामनरेश प्रसाद ने साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए शिकायत की है कि श्री विश्व बंधु संस्कृत उच्च विद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षक चौधरी बिन्देश्वर प्रसाद ( अब मृत) को 42 साल से भविष्य निधि (पीएफ) की बकाया राशि नहीं दी जा रही है। इसके भुगतान के एवज में लिपिक द्वारा निकलने वाली राशि की 20 फीसदी बतौर कमीशन की मांग की गयी। न देने पर गलत खाते में रुपये भेज दिये गये। और, नौ माह से मृत शिक्षक के बेटे चौधरी विजय को किसी न किसी बहाना से कार्यालय का चक्कर लगावाया जा रहा है। हद तो यह कि राशि का भुगतान किये बगैर ही रुपये का भुगतान कर देने की रिपोर्ट आलाधिकारियों को भेज दी गयी है। डीडीसी ने इसे भी गंभीरता से लिया है। डीडीसी ने बताया कि संभाग प्रभारी शैलेन्द्र कुमार ने मृत शिक्षक के बेटे से स्पष्ट रूप से कहा कि 20 फीसदी कमीशन दिये बगैर राशि का भुगतान संभव नहीं है। पहले भी हो चुकी है कार्रवाई : जुलाई 2024 में 20 फीसदी कमीशन लेने के बाद राशि भुगतान की शिकायत सही पाये जाने पर तत्कालीन स्थापना डीपीओ को सस्पेंड करते हुए उनके विरुद्ध प्रपत्र ‘क की कार्रवाई की गयी थी। इसी क्रम में संचिका प्रभारी का भी तबादला कर दिया गया था। लेकिन, ‘चांदी की खनक की बदौलत वे फिर से उसी स्थान पर आकर बैठ गये हैं। शिकायतकर्ता ने संचिका सहायक शैलेन्द्र प्रसाद के अलावा स्थापना डीपीओ और डीईओ को भी इस काम में सहभागी बताया है। सहायक ने दी सफाई : इस मामले में संचिका सहायक शैलेन्द्र प्रसाद ने बताया कि उनके ऊपर बेबुनियाद आरोप लगाये गये हैं। क्योंकि, यह काम मेरा है भी नहीं। दूसरे कर्मी इस काम को देखते हैं। हकीकत यह है कि पहले जिस अकाउंट नंबर पर राशि भेजी गई थी, वह मृत शिक्षक चौधरी बिन्देश्वर प्रसाद का था। लेकिन, वह बंद हो गया था। उसके बाद आवेदकों द्वारा परिवारिक सूची और एक अकाउंट नंबर दिया गया है। उस अकाउंट नंबर पर पीआईडी बनाकर बार-बार राशि भेजने का प्रयास किया जा रहा है, पर अकाउंट में रशि नहीं जा रही है। इस मामले में सचिवालय, वित्त विभाग, सीएफएमएस कोषांज्ञ, एचआरएमएस कोषांज्ञ सचिवालय को पत्र भेज दिया गया है। कई अन्य शिक्षकों ने भी दिये आवेदन : लोहड़ी संस्कूल स्कूल के रिटायर शिक्षक शिवाकांत पांडेय के अलावा अशोक कुमार पांडेय, अजय पांडेय व अन्य ने भी डीडीसी को आवेदन दिया है। कहा है कि 10 मार्च 2025 को सूद समेत पीएफ की राशि का भुगतान का पत्र जारी किया गया था। लेकिन, राशि देने के एवज में मोटी रकम की मांग की गयी। रकम न देने के कारण अब तक भुगतान नहीं किया गया और उनके भुगतान की राशि दूसरे विद्यालय के कर्मचारियों को दे दी गयी। 45 फीसदी बीमार, तो 45 फीसदी मृत : रामनरेश प्रसाद ने आवेदन में स्पष्ट रूप से लिखा है कि जिले के संस्कृत स्कूलों में तैनात 45 फीसदी शिक्षक व कर्मियों की मौत हो चुकी है। जबकि, अन्य 45 फीसदी कर्मी इलाज के बिना जीवन-मौत से जूझ रहे हैं। अधिकारी बोले : मामले की तह तक की तहकीकात की जा रही है। किसी भी सूरत में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हर हाल में शिक्षकों व कर्मियों को उनके हिस्से की राशि दिलायी जाएगी। राज कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी
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