धर्मगुरुओं व पुरोहितों ने संभाली बाल विवाह की रोकथाम की कमान
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धर्मगुरुओं व पुरोहितों ने संभाली बाल विवाह की रोकथाम की कमान फोटो : बाल विवाह : बिहारशरीफ रामचंद्रपुर में बाल विवाह को लेकर चल रहे अभियान की जानकारी देती आइडिया की निदेशक रागिनी कुमारी व अन्य। बिहारशरीफ, निज संवाददाता। समाज से बाल विवाह को खत्म करना है। यह आज के शिक्षित समाज के लिए एक कलंक है। इसमें समाज के सभी वर्गों को सहयोग के लिए आगे आना चाहिए। अब धर्मगुरुओं व पुरोहितों ने बाल विवाह की रोकथाम की कमान संभाली है। वे भी लोगों को जागरूक कर रहे हैं। इसका असर दिखने लगा है। शहर के रामचंद्रपुर में इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट एजुकेशन एंड एक्शन (आइडिया) की निदेशक रागिनी कुमारी ने कहा कि धर्मगुरुओं से मिला सहयोग व समर्थन अभिभूत करने वाला है।
इस अक्षय तृतीया में जिले में एक भी बाल विवाह नहीं होगा। उन्होंने बताया कि बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए काम किया जा रहा है। अक्षय तृतीया और शादी-ब्याह के मौसम को देखते हुए बाल विवाहों की रोकथाम के लिए विभिन्न धर्मों के विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहितों के बीच चलाए जा रहे जागरूकता अभियान को व्यापक सफलता मिली है। सभी धर्मगुरुओं ने इसकी सराहना करते हुए समर्थन का हाथ बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि कोई भी बाल विवाह किसी पंडित, मौलवी या पादरी पुरोहित के बिना नहीं हो सकता है। 2030 तक देश से बाल विवाह खत्म करने के लिए 'चाइल्ड मैरेज फ्री इंडिया' कैम्पेन चल रहा है। 2023-24 में नालंदा जिला में 530 बाल विवाह रुकवाए हैं। मौके पर जर्नादन सिंह, नागमणि सिंह व अन्य मौजूद थे।
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