आंधी-बारिश: सिर्फ आम और पान की क्षति का मिलेगा मुआवजा
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आंधी-बारिश: सिर्फ आम और पान की क्षति का मिलेगा मुआवजा कृषि निदेशालय को भेजी गयी रिपोर्ट, 13.69 लाख रुपए की मांग पान के लिए राजगीर की एक तो इस्लामपुर की 3 पंचायतों का चयन आम के लिए सिर्फ अस्थावां का चयन, शेष प्रखंडों की हुई अनदेखी फोटो पान : बौरीडीह में आंधी-पानी के कारण धराशायी हुआ पान का बरेजा। बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि। जिले में 10 अप्रैल की शाम आयी तेज आंधी व बारिश के कारण फसलों को व्यापक क्षति हुई थी। प्रकृति आपदा ने किसानों की कमर तोड़ दी थी। गेहूं, मक्का, अन्य तेलहन, सब्जी और बारहमासी फसलों को नुकसान हुआ था। कृषि विभाग द्वारा फसलों की क्षति का सर्वे कराया गया है। डीएम के माध्यम से रिपोर्ट कृषि निदेशालय को भेजी गयी है। इसमें सिर्फ पान और आम की हुई क्षति के एवज में 13 लाख 69 हजार 800 रुपए मुआवजा राशि की मांग की गयी है। शेष फसलों की 33 फीसद से कम नुकसान होने कारण किसानों को मुआवजा नहीं मिलेगा। जबकि, 14 अप्रैल को आयी आंधी-पानी से फसलों के हुए नुकसान की सर्वे रिपोर्ट तैयार होनी बाकी है। जिला कृषि विभाग द्वारा कराये गये सर्वे के अनुसार आंधी-बारिश के कारण जिले के 10 प्रखंडों की 119 पंचायत में 5404 हेक्टेयर में फसल प्रभावित हुई थी। इनमें गेहूं 4004, मक्का 961.9, अन्य तेलहन 13, सब्जी 236.4, अन्य 78.5 तो बारहमासी (पान व आम) फसल 110.6 हेक्टेयर शामिल है। मुआवजा देने का प्रावधान यह कि एकवर्षीय फसलों को 33 फीसद से अधिक नुकसान होने पर प्रति हेक्टेयर 13.500 तो बारहमासी फसलों के लिए प्रति हेक्टेयर 18,000 रुपए मुआवजा दिया जाता है। खास यह भी कि भले ही 119 पंचायतों में विभिन्न फसलों पर प्रकृति आपदा का कहर बरपा है। लेकिन, पान के लिए राजगीर की एक तो इस्लामपुर की तीन पंचायतें तथा आम के लिए अस्थावां की पंचायतों का चयन किया गया है। अन्य प्रखंडों में भी आम को क्षति, पर चयन नहीं: सच्चाई यह भी कि आम के बाग जिले के अन्य प्रखंडों में भी है। आंधी-बारिश के कारण वहां भी नुकसान हुआ है। लेकिन, फसल क्षति अनुदान के लिए चयन नहीं किया गया है। हरनौत प्रखंड की सरथा पंचायत के चैनपुर गांव के बागवान सुनील कुमार, प्रकाश कुमार, ई. मृत्युंजय कुमार, सरथा के उदय कुमार सिन्हा, आशुतोष कुमार, दीपनगर के सुरेन्द्र राम व अन्य बागवानों का कहना है कि आंधी के कारण पेड़ों से 60 से 70 फीसद टिकोले झड़ गये हैं। बावजूद, कृषि विभाग द्वारा उनसभी की अनदेखी की गयी है। खेत में सो गयी मक्के की फसल, फसल तबाह: सरदार बिगहा के किसान धनंजय कुमार कहते हैं कि डेढ़ बीघे में मक्के की फसल लगायी थी। पौधों में धनबाल लग रहे थे। तेज आंधी में सारे पौधे गिर गये। फसल चौपट हो गयी। उपज मिलने की उम्मीद खत्म हो चुकी है। पूंजी के साथ मेहनत भी डूब गयी है। इसी तरह मुजफ्फरपुर के संजीव कुमार कहते हैं कि मक्के की फसल को आंधी-बारिश से काफी नुकसान हुआ है। मुआवजा नहीं मिलेगा तो आगे की खेती के लिए पूंजी की किल्लत से जूझना पड़ेगा। प्याज उत्पादकों की टूटी कमर: नूरसराय के मेयार निवासी गुड्डू कुमार, परासी के संतोष कुमार व अन्य कहते हैं कि पांच दिनों में तीन बार आयी आंधी-बारिश के कारण तैयार हो चुकी प्याज की फसल को व्यापक क्षति हुई है। खेतों में जलभराव होने के कारण प्याज सड़ने लगे हैं। इतना ही नहीं पानी में डूबी फसल को अब भंडारण करना भी संभव नहीं है। औने-पौने दाम में बेच देने की लाचारी आ गयी है। बावजूद, फसल क्षति के मुआवजा के लिए प्याज उत्पादकों का चयन नहीं किया जाना सरासर अनदेखी है। इन पंचायतों के किसानों को मिलेगा मुआवजा: 1. राजगीर: पथरौरा (पान) 2. इस्लामपुर : बौरीडीह, बरदाहा व कोचरा (पान) 3. अस्थावां : महमदपुर, कटहरी, अस्थावां, अंदी, ओंदा, जीयर, नेरुत, जाना, सारे, अमावां, कोनंद, डुमरावां, कैला, मुर्गियाचक, गिलानी, ओईयाव, नोआवां, उगावां (आम) आंधी -पानी से ये फसलें प्रभावित : गेहूं 4004 हेक्टेयर मक्का 961.9 हेक्टेयर अन्य तेलहन 13 हेक्टेयर सब्जी 236.4 हेक्टेयर अन्य 78.5 हेक्टेयर बारहमासी फसल 110.6 हेक्टेयर
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