शहर की संकरी गलियों में आग लगी, तो बुझाना होगा मुश्किल
डुमरांव में अग्निशामक विभाग को संकरी गलियों में आग बुझाने में कठिनाई हो रही है। यहां कई मार्केट हैं जहां सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। गर्मी के मौसम में आग लगने का खतरा बढ़ गया है, लेकिन अग्निशामक...

समस्या कई ऐसे मोहल्ले है जहां संकट में दमकल को पहुंचने में परेशानी मुख्य मंडी में कई मार्केट है जहां सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है फोटो संख्या-14, कैप्सन- बुधवार को डुमरांव प्रखंड स्थित अग्निशमन कार्यालय के बाहर खड़ी अग्निशमन वाहन। डुमरांव, संवाद सूत्र। स्थानीय शहर में तेजी से विकास के बीच आवासीय के साथ-साथ व्यापारिक गतिविधियां भी बढ़ी है। शहर में मानक की अनदेखी कर कई बहुमंजिले मकान बनाये गए है। नगर परिषद क्षेत्र में दर्जनों ऐसी संकरी गलियां है, जहां आग लगने या कोई हादसा हो जाए तो वहां मदद पहुंचाना मुश्किल हो जाएगा। अग्निशमन विभाग के पास एक मात्र आग बुझाने की सुविधा सेक्शन हॉज लगे वाहन उपलब्ध है।
जो पाइप को जोड़कर आग बुझाने की मशक्कत करता है। शहर के संकरी व तंग गलियों में आग लग जाए तो उसपर काबू पाना मुश्किल हो जाएगा। वहीं इन गलियों में बिजली के तारों के जंजाल भी आग बुझाने के काम मे बाधा डालते है। ऐसी गलियों में अग्निशमन गाड़ियों को ले जाने में खासा परेशानी उठाना पड़ता है। संकरी गली के अंतिम छोर के मकान में आग लगती है तो दिक्कत और भी बढ़ सकती है, क्योंकि विभाग के पास हाई प्रेशर वाटर जेट और मिस्ट सिस्टम से लैस बाइक नहीं है। सेक्शन हॉज की मदद से आग बुझाने के लिए कई पाइपो को जोड़ना पड़ता है। पिछले दिनों साफाखाना रोड, चौक रोड के इलाके में हुई आगलगी के दौरान अग्निशमन विभाग को काफी मुश्किलें आई थी। स्थानीय शहर के मुख्य मंडी में कई ऐसे मार्केट है जहां खरीदारों की भीड़ देर शाम तक लगी रहती है।हादसे होने के बाद भी यहां आग पर काबू पाने का साधन नहीं उपलब्ध है। अभी गर्मी का मौसम चल रहा है। ऐसे में आग लगने का ज्यादा खतरा बना रहता है। लेकिन, आग बुझाने का इंतजाम पर्याप्त नही है। कई गलियों में बेकरी व मिठाई बनाने की भट्ठियां चल रही है। इसके अलावे हर घर मे गैस-सिलेंडर भी उपलब्ध है। ऐसी स्थिति में अगर आग लगने की घटना हो जाए तो उसे बुझाने के लिए काफी मशक्कत के साथ अधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। लोगों में जागरूकता की कमी आग से बचाव को लेकर आम लोगों में जागरूकता की घोर कमी है। गैस-सिलेंडर या शार्ट सर्किट से आगलगी की घटना होती है तो लोगों के पास अग्निशमन विभाग का संपर्क नंबर भी उपलब्ध नहीं रहता है। ऐसी स्थिति में लोग हादसे होने के बाद पुलिस विभाग या प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी सूचना देते है। तब तक आग के आगोश में आकर जान-माल की क्षति बढ़ जाती है। प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना मिलने के बाद अग्निशमन विभाग को सूचित किया जाता है और आग बुझाने के वाहन आने में विलंब हो जाते है। लोगों का कहना है कि चौक-चौराहों पर अग्निशमन विभाग का नंबर लगाए जाने से लोगों के बीच जागरूकता बढ़ेगी। ----------- अग्निशमन विभाग में छोटे-बड़े छह आग बुझाने के वाहन उपलब्ध है। शहर के सभी बड़े होटल, लॉज, मॉल, अपार्टमेंट में फायर एक्सटिंग्यूशर लगे है। बीच-बीच मे विभाग के कर्मी इसकी जांच करने के लिए जाते है और इसकी उपयोगिता के बारे में संचालकों को जानकारी देते है। बृजकुमार चौधरी, सहायक अग्निशमन पदाधिकारी डुमरांव।
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