‘धुंध का मंचन कर रवींद्रनाथ ठाकुर को दी श्रद्धांजलि
दरभंगा में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संगीत एवं नाट्य विभाग द्वारा रवींद्र जयंती पर 'धुंध' नाटक का मंचन किया गया। यह नाटक जातिगत जटिलताओं और सामाजिक भेदभाव की कहानी है। नृत्य...

दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संगीत एवं नाट्य विभाग तथा अंग्रेजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में रवींद्र जयंती के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन बुधवार को रवींद्रनाथ ठाकुर की कालजयी कहानी धूप और बादल पर आधारित नाट्य प्रस्तुति धुंध का भावनात्मक मंचन किया गया। मंचित धुंध नाटक का नाट्य रूपांतरण, परिकल्पना, संगीत और निर्देशन विभाग के छात्र मृत्युंजय शर्मा ने किया। धुंध जातिगत जटिलताओं, सामाजिक भेदभाव और ब्रिटिश शासन की नीतियों के बीच पनपती है। यह प्रेम कहानी हमें ऐसे युग में ले जाती है, जब प्रेम और स्वाभिमान दोनों ही सत्ता और परंपरा के बीच संघर्ष की बेड़ियों में कसा होता है।
नाटक बेहद प्रभावी और मनोरंजनपूर्ण रहा। जीशान फजल, पिंकी कुमारी, गोविंद राज, शिव शंकर कुमार, मो. गालिब, दीपक कुमार, पिंटू कुमार, विकेश साह, मनीष कुमार, मृत्युंजय कुमार पटेल, अमन कुमार, शत्रुघ्न कुमार, राहुल कुमार, कृष्णा कुमार, हरिश्चंद्र कुमार, गौरव कुमार, सोनाली कुमारी ने अपने अभिनय ने खूब तालियां बटोरी। समारोह का दूसरा आकर्षण नृत्य नाटिका रही। बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर की शोधार्थी और कथक नृत्यांगना यामिनी शर्मा ने भानू सिंह की पदावली के अंश की नृत्य प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम में मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो. मंजू राय, संगीत एवं नाट्य संकायाध्यक्ष प्रो. पुष्पम नारायण, विभागाध्यक्ष प्रो. लावण्य कीर्ति सिंह काव्या, डॉ. मंजरी खरे, डॉ. रश्मि शर्मा, डॉ. शांभवी सहित कई शिक्षक, कर्मी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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