Even government jobs women face problem fact revealed in Nitishs Mahila Samvad सरकारी नौकरी में भी आधी आबादी की तबाही, नीतीश के महिला संवाद में सामने आया फैक्ट, Bihar Hindi News - Hindustan
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सरकारी नौकरी में भी आधी आबादी की तबाही, नीतीश के महिला संवाद में सामने आया फैक्ट

आधी आबादी ने अबतक अलग-अलग विभागों में अटके हुए काम, समस्याओं को महिला संवाद में दर्ज कराया, जिसे विभागवार अलग-अलग किया गया। इन संबंधित विभागों को इसपर कार्रवाई का जिम्मा दिया गया है।

Sudhir Kumar लाइव हिन्दुस्तानSun, 18 May 2025 09:36 AM
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सरकारी नौकरी में भी आधी आबादी की तबाही, नीतीश के महिला संवाद में सामने आया फैक्ट

महिलाओं को सरकारी 24 विभागों में सबसे अधिक कठिनाई है। महिला संवाद में सामने आई समस्याओं की रिपोर्ट यह बताती है। स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, समाज कल्याण विभाग से अधिक शिकायतें महिलाओं को हैं। ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर राज्य भर में चल रहे महिला संवाद के दौरान सामने आई हैं। कुल मिलाकर 24 विभागों में काम कर रहीं महिलाओं को अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

आधी आबादी ने अबतक अलग-अलग विभागों में अटके हुए काम, समस्याओं को महिला संवाद में दर्ज कराया, जिसे विभागवार अलग-अलग किया गया। इन संबंधित विभागों को इसपर कार्रवाई का जिम्मा दिया गया है। जिले में चिन्हित 18 हजार शिकायतों में 9 हजार पर ही अबतक कार्रवाई हुई है। इसमें भी ग्रामीण विकास विभाग के पास सबसे अधिक 2427 शिकायतें पेंडिंग हैं। दूसरे नंबर पर स्वास्थ्य विभाग है, जहां एक हजार से अधिक मामले पेडिंग हैं। सबसे कम शिकायतें आपदा प्रबंधन, अजा-अजजा विभाग से हैं।

विभागवार आये मामले और निदान के आंकड़े

महिलाओं ने शिक्षा विभाग से संबंधित जो समस्याएं बताईं, उनमें 1375 मामलों का निष्पादन हो चुका है और 567 अब भी पेंडिंग है। अजा-अजजा विभाग के 3 मामलों का निष्पादन हुआ और 9 लंबित हैं। सामाजिक कल्याण विभाग के 1158 मामले में कार्रवाई हुई जबकि 715 लंबित है। योजना एवं विकास विभाग से 20 मामलों का निपटारा हुआ है और एक पेंडिंग है। खाद्य विभाग से संबंधित 41 मामलों का समाधान हुआ जबकि 136 लंबित है। को-ऑपरेटिव से 3 मामलों का समाधान और 72 पेंडिंग है। श्रम विभाग से 51 पर कार्रवाई हुई, 184 लंबित है। पंचायती राज विभाग से संबंधित 559 अब भी लंबित हैं।

अपर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर महिला चिकित्सकों की कमी

महिलाओं ने कहा कि अपर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर रेबिज समेत अन्य टीका उपलब्ध नहीं होता है। समय से अस्पताल नहीं खुलता है। चिकित्सकों की भी काफी कमी है। विशेष तौर पर महिला चिकित्सक नहीं मिलती हैं। जांच से लेकर दवाएं भी अनुपलब्ध होती हैं। सरदर्द, बुखार की दवा तो मिल जाती है मगर महंगी दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ती हैं। टीकाकरण की भी सुविधा उपलब्ध नहीं होती है।