मोतिहारी में फर्जी ट्रेनिंग सेंटर, मुजफ्फरपुर से 200 करोड़ का ट्रान्जेक्शन, गोरखपुर से 2 धराए; बिहार में गजब का खेल
- चालू खाता खोलने के लिए जो कागजात प्रस्तुत किए गए थे, वह भी फर्जी निकले। इस रिपोर्ट के बाद अब सोनपुर रेल पुलिस कभी भी बैंक मैनेजर को गिफ्तार कर सकती है।

रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) के फर्जी ट्रेनिंग सेंटर मामले में मुजफ्फरपुर स्थित एक निजी बैंक के एक ब्रांच मैनेजर घिर गये है। उन्होंने बिना सत्यापन के कागज पर चल रही कंपनी का चालू खाता खोल दिया, जिससे 200 करोड़ से अधिक का भुगतान फर्जी ट्रेनिंग सेंटर के अभ्यर्थियों को किया गया। इसका खुलासा वाणिज्यकर विभाग की रिपोर्ट से हुआ है। खुलासे के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है वहीं बैंक मैनेजर की कभी भी गिरप्तारी हो सकती है।
मामले की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू खाता खोलने के लिए जो कागजात प्रस्तुत किए गए थे, वह भी फर्जी निकले। इस रिपोर्ट के बाद अब सोनपुर रेल पुलिस कभी भी बैंक मैनेजर को गिफ्तार कर सकती है। फिलहाल गिरफ्तारी को लेकर वरीय पुलिस पदाधिकारी के आदेश का इंतजार है। सोनपुर रेल थाना के थानेदार धर्मेंद्र कुमार ने इसकी पुष्टि की है। यह भी बताया है कि इस मामले में तेजी से जांच का काम चल रहा है।
मालूम हो कि, दिसंबर 2024 में मोतिहारी के भटहां में आरपीएफ के फर्जी प्रशिक्षण सेंटर का खुलासा हुआ था। इस मामले में मोतिहारी के दीपक कुमार सहित 10 की गिरफ्तार हो चुकी है। उनके पूछताछ में पुलिस को कई अहम सुराग भी मिले। वर्तमान में गोरखपुर से दो को आरोपियों को सोनपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया। फर्जी कंपनी के नाम पर पैसा मंगाकर वेतन दिया गया है।
इस कांड में वेतन भी दिए गए। वेतन देने के लिए मुजफ्फरपुर के बनारस बैंक चौक के राजेंद्र तिवारी ने एक ट्रेजरी आरओ नामक कंपनी के नाम पर निजी बैंक में खाता खोला था। बैंक मैनेजर की इस खाता के संचालन में लापरवाही सामने आई है। कागजातों की गहनता से जांच किए बगैर उन्होंने खाता खोल दिया। इस मामले में बैंक मैनेजर को गिरफ्तार किया जा सकता है। बैंक के वरीए अधिकारियों की मामले की सूचना दी जा रही है।