भागवत कथा के श्रवण से पापों का होता है नाश : अर्चना मणि
कथावाचिका ने कहा कि धूंधकारी, जघाई, मघाई जैसे पापियों का हुआ उद्धारथा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि कथा श्रवण मात्र से ही मानव के पापों का नाश हो जाता है और जीवन का कल्याण सुनिश्चित होता है।...

कथावाचिका ने कहा कि धूंधकारी, जघाई, मघाई जैसे पापियों का हुआ उद्धार परसौनी खास में आयोजित महायज्ञ में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब उचकागांव,एक संवाददाता। प्रखंड के परसौनी खास गांव में चल रहे श्रीविष्णु महायज्ञ के अवसर पर कथावाचिका अर्चना मणि पराशर ने श्रीमद् भागवत कथा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि कथा श्रवण मात्र से ही मानव के पापों का नाश हो जाता है और जीवन का कल्याण सुनिश्चित होता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि 18 हजार श्लोकों, 335 अध्यायों व 12 स्कंधों वाली एक दिव्य संहिता है। इसकी रचना वेदव्यास जी ने भगवान गणेश की सहायता से की थी।
राजा परीक्षित को सुखदेव जी महाराज ने इसी कथा का श्रवण कराया था। जिससे उनका मोक्ष संभव हुआ। कथावाचिका ने उदाहरण देते हुए कहा कि धूंधकारी, जघाई, मघाई जैसे पापियों का भी उद्धार श्रीमद्भागवत कथा के प्रभाव से हुआ। यह ग्रंथ मृत्यु को भी मंगलमय बना देता है । श्रद्धा से सुनने वालों की समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति करता है। कथा वाचन से पूर्व यज्ञ समिति के अध्यक्ष पूर्व प्रमुख रामाशीष सिंह, कामेश्वर सिंह, अंशी सिंह सहित अन्य गणमान्य लोगों ने व्यासपीठ पर विराजमान भगवान श्रीकृष्ण की बाल प्रतिमा, श्रीमद्भागवत गीता और रामायण की विधिवत पूजा की। इसके बाद कथावाचिका अर्चना मणि पराशर को अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। मौके पर सत्येंद्र कुमार सिंह, मुखिया संतोष कुमार गुप्ता, मुन्ना सिंह, मुकेश कुमार सहित कई ग्रामीण व श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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