नाबालिग से दुष्कर्म मामले में 20 साल सश्रम कारवास
50 हजार रुपए अर्थदंड लगाया गया, दंड की राशि पीड़िता को देने का निर्देश तीन साल पूर्व नाबालिग के साथ हुई थी दुष्कर्म की घटना पीड़िता की मां और सूचक की आरोपी से हुए समझौता के बाद भी हुई सजा

हाजीपुर । निज संवाददाता वैशाली जिले के करताहा थाना क्षेत्र के गांव में लगभग तीन साल पूर्व एक नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म मामले में गुरुवार को अदालत का फैसला आया। दोषी को 20 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। 50 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया गया है। दंड में मिली राशि पीड़िता को देने का निर्देश दिया गया है। लैंगिक अपराध से बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश ने मंगलवार को दुष्कर्म के इस मामले में पोक्सो की धारा 6 के अंतर्गत अभियुक्त को 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। यह जानकारी लैंगिक अपराध से बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि 01 फरवरी 2022 को शाम में करताहां थाना क्षेत्र के पातेपुर निवासी 20 वर्षीय सतीश कुमार उर्फ भीखहरण ने एक आठ वर्षीय नाबालिग को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया और उसके साथ मारपीट कर दुष्कर्म की घटना हुई थी। एक्सेस टू जस्टिस फॉर चिल्ड्रन कार्यक्रम के तहत स्वर्गीय कन्हाई शुक्ला सामाजिक सेवा संस्थान के सुधीर शुक्ला ने बताया कि पीड़िता की काउंसलिंग की गई थी। उसे लीगल सपोर्ट प्रदान किया जा रहा था। त्वरित न्याय मिलने पर आभार जताया है। वहीं दूसरे मामले में जिले के वैशाली थाना कांड संख्या 477/ 22 में अभियुक्त को दोषी करार दिया गया है। अभियुक्त को आईपीसी की धारा 376, 377 पोक्सो की धारा 4 और 6 के तहत दोषी पाया गया है । सजा के बिंदु पर सुनवाई 28 अप्रैल को की जाएगी। पीड़िता की मां व सूचक की आरोपी से हुए समझौता के बाद भी हुई सजा। इस घटना में पीड़िता की मां एवं घटना की सूचक आरोपी के साथ समझौता कर पक्षद्रोही हो गई थी। इस मामले अदालत ने में पीड़िता के साक्ष्य एवं मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को दोषी करार दिया। मंगलवार को इस मामले में उसे सजा सुनाई गई। न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया अधिवक्ता के अनुसार दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने के बाद दुष्कर्म के आरोपी ने बाद इस घटना की जानकारी किसी को देने पर हत्या कर देने की धमकी देकर पीड़िता को भगा दिया। पीड़ित बच्ची घर आई और अपनी मां से आपबीती सुनाई। उसके मां इस घटना की जानकारी दिल्ली में काम कर रहे अपने पति को दी। उसके पति वहां से भागकर घर आया। इस घटना की प्राथमिकी पीड़िता की मां ने दर्ज कराई। पुलिस ने सतीश कुमार को 16 फरवरी 2022 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस मामले में पुलिस ने 31 मार्च 2022 को न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया। न्यायालय में उसके विरुद्ध 16 जून 2022 को आरोप गठन किया। इस मामले में विशेष लोक अभियोजक मनोज शर्मा द्वारा कराए गए सात साक्षियों एवं 12 प्रदर्श का परीक्षण-प्रति परीक्षण कराए जाने के बाद सतीश कुमार को दोषी करार दिया गया था।
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