Inderjit Singh the acting VC of Patliputra University which embroiled in controversies AKU VC left additional charge विवादों में रहे पाटलिपुत्र विवि के कार्यवाहक वीसी बने इंद्रजीत सिंह, AKU के कुलपति ने अतिरिक्त प्रभार छोड़ा, Bihar Hindi News - Hindustan
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विवादों में रहे पाटलिपुत्र विवि के कार्यवाहक वीसी बने इंद्रजीत सिंह, AKU के कुलपति ने अतिरिक्त प्रभार छोड़ा

पाटिलपुत्र विश्वविद्यालय का नया कार्यवाहक कुलपति इंद्रजीत सिंह को नियुक्त किया गया है। इस मामले में राजभवन से अधिसूचना जारी कर दी गई है। इससे पहले एकेयू के कुलपति ने पाटिलपुत्र विवि के अतिरिक्त प्रभार छोड़ने का अनुरोध किया था, जिसे राजभवन ने स्वीकार कर लिया है।

sandeep हिन्दुस्तान, अरुण कुमार, पटनाTue, 29 April 2025 06:53 PM
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विवादों में रहे पाटलिपुत्र विवि के कार्यवाहक वीसी बने इंद्रजीत सिंह, AKU के कुलपति ने अतिरिक्त प्रभार छोड़ा

राजभवन में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति की चर्चा के कुछ दिनों बाद ही कार्यवाहक कुलपति शरद कुमार यादव, जो आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (एकेयू) के कुलपति हैं, उन्होने अतिरिक्त प्रभार छोड़ दिया। एकेयू के कुलपति शरद यादव के पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय का प्रभार छोड़ने के अनुरोध को राजभवन ने तत्काल स्वीकार कर लिया और अब यह प्रभार बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति इंद्रजीत सिंह को दे दिया गया। हालांकि पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में प्रो. गणेश महतो सह वीसी हैं, लेकिन एक बार फिर उनकी अनदेखी की गई। कुछ विश्वविद्यालयों में सह वीसी को प्रभार सौंप दिया गया, जबकि कई विश्वविद्यालयों में लंबे समय से प्रो-वीसी का पद खाली है।

राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंगथु द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है, कि इंद्रजीत सिंह नियमित कुलपति की नियुक्ति होने तक या अगले आदेश तक पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति के रूप में काम करेंगे। यह पूरी तरह से एक अस्थायी व्यवस्था है।वही 15 जनवरी से पाटिलपुत्र विश्वविद्यालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे इंद्रजीत यादव ने कहा कि उन्होंने पद छोड़ने की पेशकश की है। यादव ने कहा कि मैंने अतिरिक्त प्रभार छोड़ दिया है, क्योंकि दो संस्थानों का प्रबंधन करना मुश्किल साबित हो रहा था। अब नए कुलपति के लिए बातचीत भी हो चुकी है और इसलिए मैंने अतिरिक्त प्रभार छोड़ने का फैसला किया है।

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यादव ने पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में कई पदोन्नति को मंजूरी दी, जहां वो अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे, हालांकि उनके मूल विश्वविद्यालय, एकेयू में प्रमोशन अभी तक अटका हुआ है। आपको बता दें पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय कई कारणों से विवादों में घिरा रहा था, जिसमें जूनियर को प्रिंसिपल के रूप में नियुक्त करना और रजिस्ट्रार के साथ खराब हालात पैदा करना शामिल था, और राजभवन इस सब से खुश नहीं था।

राज्य में उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के उद्देश्य से नीतीश सरकार ने 2018 में जिन तीन विश्वविद्यालयों का गठन किया था, उनमें से एक पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय है। जिसमें कुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, ऐसे में सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि नाम की घोषणा कब होगी। पांच नामों का पैनल तैयार किया जाएगा और उनमें से एक की नियुक्ति राज्य सरकार के परामर्श से कुलाधिपति द्वारा की जाएगी। अपनी स्थापना के बाद से ही नया विश्वविद्यालय विवादों में घिरा रहा है। इसमें अब तक दो नियमित कुलपति रहे हैं, दोनों ही यूपी के संस्थानों से हैं, और लंबे समय तक अतिरिक्त प्रभार में रहे।