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नक्सल प्रभावित क्षेत्र की बेटियों की आशा की किरण कस्तूरबा विद्यालय सुविधाओं से वंचित

नक्सल प्रभावित क्षेत्र की बेटियों की आशा की किरण कस्तूरबा विद्यालय सुविधाओं से वंचित नक्सल प्रभावित क्षेत्र की बेटियों की आशा की किरण कस्तूरबा विद्याल

Newswrap हिन्दुस्तान, जमुईMon, 14 April 2025 02:27 AM
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नक्सल प्रभावित क्षेत्र की बेटियों की आशा की किरण कस्तूरबा विद्यालय सुविधाओं से वंचित

बरहट। निज संवाददाता प्रखंड के पचेश्वरी गांव में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय अनुसूचित जाति, जनजाति और अल्पसंख्यक समुदाय के साथ गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली परिवार की बच्चियों के लिए शिक्षा की उम्मीद है। इस विद्यालय में कक्षा 6 से 8 तक बच्चियों की पढ़ाई होती है। किंतु यह विद्यालय आज समुचित सुविधाओं से वंचित है। वर्तमान में इस विद्यालय में 100 छात्राएं नामांकित हैं और 44 छात्राएं सफलता पूर्वक 8 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण हो चुकी हैं। विद्यालय में एक वार्डन, दो शिक्षिकाएं, एक आदेशपाल, एक लेखापाल और तीन रसोइयों की नियुक्ति की गई है, जो सीमित संसाधनों में भी बच्चियों को शिक्षा देने का प्रयास कर रहे हैं।

विद्यालय में सुविधाओं की कमी, बच्चियों के विकास में बन रही है बाधा

विद्यालय से पास आउट हो चुकी 8 वीं की छात्रा सीमा ,बिंदु ,सुगंधी, चंपा, रिशु तथा 7 की छात्रा सीता, सरस्वती, कंचन ,निक्की ने बताया कि नक्सल प्रभावित गुरमाहा, चोरमारा, जमुनियांटाड और पैसरा जैसे दुर्गम गांवों की बच्चियों के लिए शिक्षा का एकमात्र सहारा कस्तूरबा विद्यालय है। लेकिन सुविधाओं की कमी आज भी इसकी सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है। सबसे गंभीर समस्या यह है कि यहां कक्षा 8 के बाद पढ़ाई की कोई व्यवस्था नहीं है। विद्यालय में टाइप थ्री भवन का निर्माण अब तक नहीं हो पाया है जिसके चलते बच्चियों को आगे की पढ़ाई के लिए दूसरे प्रखंड के विद्यालयों में जाना पड़ता है।यह स्थिति बच्चियों के उज्ज्वल भविष्य पर सीधा असर डाल रही है। कई अभिभावक अपनी बच्चियों को दूर पढ़ने नहीं भेजना चाहते जिस कारण बच्चियां पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो जाती है।

बच्चियां डीएम से टाइप थ्री भवन निर्माण की कर चुकी है मांग

पिछले वर्ष अगस्त माह में चोरमारा गांव स्थित सीआरपीएफ कैंप परिसर में आयोजित ग्राम विकास शिविर के दौरान छात्राओं ने तत्कालीन जिलाधिकारी राकेश कुमार के समक्ष अपनी व्यथा रखी थी। उन्होंने टाइप थ्री भवन के निर्माण और कक्षा 9 से ऊपर की पढ़ाई की व्यवस्था की मांग की थी।डीएम द्वारा इन बच्चियों को आश्वासन भी दिया गया। लेकिन दुखद बात यह है कि इतने समय बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

कहती हैं स्कूल की वार्डन

इस संबंध में स्कूल की वार्डन दीप प्रभा से जब बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कक्षा 8 के बाद स्कूल में पढ़ाई नहीं होती है। जिला प्रशासन इस मुद्दे को प्राथमिकता दे। टाइप-थ्री भवन का शीघ्र निर्माण कराया जाए और विद्यालय को उच्चतर कक्षाओं तक विस्तारित किया जाए, ताकि यहां की बेटियां बिना किसी रुकावट के अपनी पढ़ाई जारी रख सके।

कहते हैं बीडीओ

इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी एसके पांडेय से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि टाइप थ्री भवन का निर्माण कार्य जमीन की अनुपलब्धता के कारण फिलहाल संभव नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि उपयुक्त भूमि की पहचान के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है। जैसे ही जमीन उपलब्ध होगी,भवन निर्माण कार्य के लिए विभाग को रिपोर्ट भेज दी जाएगी, ताकि आवश्यक प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।

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