आंबेडकर के बहाने दलितों को साधने का जुगाड़, 14 अप्रैल को जयंती पर जेडीयू मनाएगी दिवाली
- बापू सभागार में 13 अप्रैल को आयोजित समारोह में राज्यभर से नेता-कार्यकर्ता आएंगे। सीएम अध्यक्ष नीतीश कुमार समारोह का उद्घाटन करेंगे। तमाम वरिष्ठ नेता भी इसमें भाग लेंगे। 14 को घरों में दीप जलाए जाएंगे

जदयू की ओर से भारतरत्न डॉ. भीम राव आंबेडकर की जयंती मनायी जाएगी। इसकी तैयारी अंतिम दौर में है। आंबेडकर जयंती के एक दिन पहले 13 अप्रैल को पटना के बापू सभागार में पार्टी की ओर से बड़े समारोह का आयोजन किया जाएगा जिसमें राज्य भर के बड़े चेहरों के शामिल होने की उम्मीद है। जयंती के दिन 14 अप्रैल को जदयू के कार्यकर्ता अपने-अपने घरों में दीया जलाकर दिवाली की तरह इसे मनाएंगे।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि बापू सभागार में आयोजित समारोह में राज्यभर से नेता-कार्यकर्ता आएंगे। सीएम अध्यक्ष नीतीश कुमार समारोह का उद्घाटन करेंगे। तमाम वरिष्ठ नेता भी इसमें भाग लेंगे। प्रदेश अध्यक्ष ने रविवार को कहा कि आंबेडकर किसी एक जाति समुदाय के नहीं थे, बल्कि सभी के लिए वे आदर्श हैं। सीएम नीतीश कुमार ने आंबेडकर की विचारधारा और सिद्धांतों पर चलते हुए कमजोर वर्गों के उत्थान में 20 वर्षों में कई अहम फैसले लिये और उन्हें अंजाम तक पहुंचाया है।
दरअसल इसी साल बिहार में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। समाज के हर वर्ग के वोटों पर नीतीश कुमार और उनकी पार्टी की नजर है। एनडीए 2025 में 225 का टारगेट भी सेट कर चुकी है। दलित वोटों पर सभी पार्टियों की नजर बनी हुई है। इसे देखते हुए जेडीयू इस बार आंबेडकर जयंती को खास बनाने की तैयारी में जुट गई है। 14 अप्रैल को घरों में इस मौके पर दीप जलाकर दीपावली जैसा माहौल बनाकर यह जताने की कोशिश है कि बाबा साहेब पार्टी के लिए कितने महत्वपूर्ण और सम्मानित हैं।
अन्य पार्टियां भी दलित कार्ड खेल रही हैं। महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ने भी बिहार में दल की कमान दलित के हाथों में सौंप दिया है। सवर्ण समाज के अखिलेश सिंह को हटाकर महादलित राजेश कुमार(राजेश राम) को बिहार प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया है। जदयू इसे काउंटर करने के तरीके खोज रहा है।