व्यापक विचार और सहमति के बाद लागू हो एक राष्ट्र एक चुनाव का कानून : न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी
Prayagraj News - प्रयागराज में 'एक राष्ट्र-एक चुनाव' पर उत्तर प्रदेश अधिवक्ता फ़ोरम द्वारा विचार आंदोलन की शुरुआत हुई। संगोष्ठी में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी ने कहा कि चुनावों की लगातार प्रक्रिया...

प्रयागराज, विधि संवाददाता। एक राष्ट्र-एक चुनाव पर उत्तर प्रदेश अधिवक्ता फ़ोरम की ओर से शुरू किए गए प्रदेशव्यापी विचार आंदोलन की शुरुआत बुधवार को प्रयागराज से हुई। इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के हॉल में आयोजित संगोष्ठी के मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी ने कहा कि एक राष्ट्र-एक चुनाव के फायदे नुकसान पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। मौजूदा स्थिति यह है कि देश हर समय चुनाव के मोड़ पर रहता है। इस सतत प्रक्रिया में देश की जनता, प्रशासनिक मशीनरी और राजनीतिक दल उलझे रहते हैं। कहा कि एक राष्ट्र-एक चुनाव का विचार नया नहीं है। मगर वर्तमान में राजनीतिक और संवैधानिक संरचना बेहद जटिल है। सभी चुनाव एक साथ होने से खर्चों में काफी बचत हो सकती है। कह कि इतने बड़े देश में एक साथ चुनाव करना भी एक चुनौती होगी। इसलिए इसका निर्णय सभी के परामर्श पर आधारित और लचीला होना चाहिए। विशेष कर इसमें आम जनता की सहमति बहुत आवश्यक है।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति शंभूनाथ ने कहा कि एक राष्ट्र-एक चुनाव का विचार कोई साधारण विचार नहीं। यह एक क्रांति है और प्रजातंत्र में विधायन के माध्यम से भी क्रांतियां होती है। सभी जगह अलग-अलग चुनाव से प्रशासनिक मशीनरी पर काफी दबाव पड़ता है और विकास कार्य प्रभावित होते हैं। उन्होंने सभी से अपील की कि एक राष्ट्र एक चुनाव पर आम सहमति बनाई जाए और इसे लागू किया जाए।
अतिथियों का स्वागत एडवोकेट फ़ोरम के अध्यक्ष पूर्व महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने किया। उन्होंने बताया कि फ़ोरम पूरे प्रदेश में इस विषय पर संगोष्ठी आयोजित करेगा। संगोष्ठी का संचालन अधिवक्ता परिषद के पूर्व प्रदेश महामंत्री शीतला प्रसाद गौड़ ने किया जबकि फ़ोरम के महामंत्री अखिलेश कुमार अवस्थी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
संगोष्ठी में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल शशि प्रकाश सिंह और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी के अलावा अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी, विजय लक्ष्मी, रणविजय सिंह, अशोक कुमार, अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल, महेश चतुर्वेदी, अजीत सिंह,एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप कुमार, पूर्व अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी, मुख्य स्थाई अधिवक्ता कुणाल रवि सिंह, जे एन मौर्या, अभिषेक श्रीवास्तव बिपिन बिहारी पांडेय,शासकीय अधिवक्ता ए के संड, बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह, सहायक सॉलिसिटर जनरल ज्ञान प्रकाश, मनीष द्विवेदी, देश दीपक श्रीवास्तव, भाजपा महानगर अध्यक्ष संजय गुप्ता के अलावा बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित थे।
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