राज्य सरकार की जमीन को केंद्र ने बताया विवादित; भागलपुर के 100 बेड वाले अस्पताल का काम थमा
श्रम संसाधन मंत्रालय ने कहा है कि यह जमीन भूमि नीची होने के साथ विवादित भी है, इसलिए अस्पताल के लिए दूसरी जगह जमीन उपलब्ध कराएं। अब श्रम संसाधन विभाग ने भागलपुर जिला प्रशासन को दूसरी जगह उपयुक्त जमीन चिह्नित कर प्रस्ताव भेजने को कहा है। जिसके बाद ही अस्पताल बनाने की आगे की कार्रवाई होगी।
भागलपुर के सबौर में अभी चिह्नित जमीन पर 100 बेड का ईएसआईसी (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) अस्पताल नहीं बनेगा। अस्पताल के लिए इस जमीन को लेने से केंद्र सरकार ने मना कर दिया है। सबौर में पांच एकड़ जमीन ईएसआईसी अस्पताल के लिए चिह्नित कर श्रम संसाधन विभाग ने केंद्रीय श्रम मंत्रालय को अभी हाल में ही भेजा था। अब नए सिरे से भागलपुर में ईएसआईसी अस्पताल के लिए जमीन चिह्नित की जाएगी। पिछले दिनों केंद्रीय टीम ने अस्पताल के लिए चिह्नित जमीन का निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट दी थी।
इस आधार पर श्रम संसाधन मंत्रालय ने कहा है कि यह जमीन भूमि नीची होने के साथ विवादित भी है, इसलिए अस्पताल के लिए दूसरी जगह जमीन उपलब्ध कराएं। अब श्रम संसाधन विभाग ने भागलपुर जिला प्रशासन को दूसरी जगह उपयुक्त जमीन चिह्नित कर प्रस्ताव भेजने को कहा है। अब नए सिरे से जमीन चिह्नित होगी, इसके बाद ही अस्पताल बनाने की आगे की कार्रवाई होगी।
लगभग एक दशक से भागलपुर और मुजफ्फरपुर में ईएसआईसी अस्पताल खोलने की तैयारी चल रही थी। मुजफ्फरपुर में भी 100 बेड का ईएसआईसी अस्पताल खोला जाना है। मुजफ्फरपुर में अस्पताल के लिए जमीन चिह्नित कर जमीन केंद्र को देने संबंधी प्रस्ताव पर राज्य कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है। यह जमीन श्रम मंत्रालय को हस्तांतरित हो जाएगी। माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक मुजफ्फरपुर में अस्पताल निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा। हालांकि अस्पताल में मरीजों का इलाज शुरू होने में कम से कम दो साल का समय लगना तय है।
श्रम संसाधन विभाग के सचिव दीपक आनंद ने कहा कि भागलपुर में 100 बेड वाले ईएसआईसी अस्पताल के लिए पहले जो जमीन चिह्नित की गई थी, उसे केंद्र ने उपयुक्त नहीं माना है। इसलिए अब भागलपुर जिला प्रशासन को नए सिरे से दूसरी जमीन चिह्नित कर प्रस्ताव मांगा गया है।