केस के अनुसंधानकर्ता होंगे हाइटेक, लैपटॉप-मोबाइल मिला
कटिहार में 500 से अधिक अनुसंधानकर्ताओं को हाईटेक बनाया जा रहा है। उन्हें लैपटॉप और मोबाइल दिए जा रहे हैं। सभी 31 थाना और ओपी के अनुसंधानकर्ताओं को डिजिटल अनुसंधान का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो एक महीने...

कटिहार, एक संवाददाता। जिले के पांच सौ अधिक अनुसंधानकर्ता को हाईटेक बनाया जा रहा है। अनुसंधानकर्ताओं को लैपटॉप और मोबाइल सरकार की ओर से उपलब्ध कराया गया है। जिले के सभी 31 थाना व ओपी के अनुसंधानकर्ता को डिजिटल अनुसंधान का प्रशक्षिण दिया जा रहा है। यह प्रशक्षिण आगामी एक माह तक चलेगा। प्रशक्षिण पूरा होने के बाद अनुसंधानकर्ता घटना स्थल पर लैपटॉप लेकर कर अनुसंधान करने के लिए पहुंचेंगे। पुलिस अधीक्षक वैभव शर्मा ने बताया कि नगर थाना के 50, सहायक थाना के 50, मुफस्सिल थाना के करीब 30, बारसोई थाना के करीब 30, मनिहारी थाना के करीब 30 अनुसंधानकर्ता के अलावा कुरसेला, कोढ़ा,फलका, बरारी, पोठिया, हसनगंज, डंडखोरा, कदवा, कचना, तेलता, बलरामपुर, प्राणपुर, आजमनगर, सालमारी, बलियाबेलोन, मनिहारी, अमदाबाद, साईबार थाना, एससीएसटी, मनसाही, सुधानी थाना में और सेमापुर और सुधानी ओपी के अनुसंधानकर्ता को प्रशक्षिण दिया जा रहा है। प्रशक्षिण में डिजिटल अनुसंधान और ई साक्ष्य पर विशेष ध्यान है। एसपी ने बताया कि डिजिटल अनुसंधान का मतलब है प्रौद्योगिकी और उपकरणों का उपयोग करना है। इसमें साइबर अपराधों को रोकना, उनका पता लगाना और उनसे निपटना शामिल है, साथ ही किसी भी प्रकार के अपराध के बारे में डिजिटल साक्ष्य इकट्ठा करना और उनका वश्लिेषण करना। इसके अलावा हत्या, लूट, डकैती, दुष्कर्म, गंभीर आपराधिक वारदात की घटना स्थल पर जाकर घटना से संबंधित सभी प्रकार डिटेल को अपने लैपटॉप पर ही अनुसंधानकर्ता लिखेंगे। अनुसंधानकर्ता को डिजिटल उपकरणों से डेटा निकालना, उसका वश्लिेषण करना और अपराध के बारे में डिजिटल साक्ष्य इकट्ठा करने की जानकारी दी जा रही है। एकीकृत राष्ट्रीय अपराध और आपराधिक रिकॉर्ड डेटाबेस का उपयोग करके पुलिस अपराधों की जांच करना है।
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