परबत्ता: प्रखंड मुख्यालय का सामुदायिक शौचालय बेकार
1. बोले खगड़िया:परबत्ता: प्रखंड मुख्यालय का सामुदायिक शौचालय बेकारपरबत्ता: प्रखंड मुख्यालय का सामुदायिक शौचालय बेकारपरबत्ता: प्रखंड मुख्यालय का सामुदाय

परबत्ता। एक प्रतिनिधि प्रखंड मुख्यालय में लाखों की राशि से बनाये गए सामुदायिक शौचालय बेकार पड़ा हुआ है, लेकिन विभाग के अधिकारी मुकदर्शक बना हुआ है। दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों से प्रतिदिन प्रखंड में जरूरी कार्य से आने वाली ख़ासकर महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वही विभाग के अधिकारी अभी तक कोई सुध नहंी ले रहे हैं। देखने वाली बात तो यह है कि पंचायत चुनाव में महिलाओं को राजनीति में अपनी भागीदारी देने के लिए आरक्षण दिया गया है। इतना ही नहीं इसके पूर्व भी प्रखंड प्रमुख, जिप सदस्य आदि पदों का प्रतिनिधित्व करने का गौरव महिलाओं को प्राप्त हुआ है ।
इसके बावजूद भी महिला जनप्रतिनिधियों के कार्यकाल में भी प्रखंड मुख्यालयों में महिलाओं के लिए मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। इन समस्याओं के निदान के लिए प्रमुखता से पहल नहीं की जा रही है। प्राप्त जानकारी अनुसार इस प्रखंड में तीन नगर पंचायत व 19 ग्राम पंचायत सहित कुल 22 पंचयात है। इस ढाई लाख आबादी का प्रमुख बाजार परबत्ता है। प्रतिदिन बाजार व प्रखंड आदि में जरूरी कार्य के लिए दूर दराज ग्रामीण क्षेत्र से प्रतिदिन लोग बाजार आते हैं। जर्जर सामुदायिक शौचालय से हो रही है परेशानी : प्रखंड मुख्यालय परिसर में दशक पूर्व बीडीओ रविशंकर कुमार के कार्यकाल में लाखों की राशि से एक सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया गया था। वर्तमान में वह शौचालय जर्जर होकर बंद पड़ा हुआ है। शौचालय निर्माण इतना घटिया किया गया कि एक वर्ष बाद ही वह बेकार होकर लोगों को मंुह चिढ़ा रहा है। महिलाओं की क्या है परेशानी : प्रखंड मुख्यालय व परबत्ता बाजार प्रतिदिन क्षेत्र के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्र सें अपने जरुरी कार्य सें पुरुष व महिलाएं आती हैं । पुरुष वर्ग के लोग तो किसी तरह अपनी समस्या का निदान कर लेते हैं लेकिन प्रखंड मुख्यालय का सामुदायिक शौचालय ख़राब रहने से महिलाओं को काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बोले लोग : 1. प्रखंड मुख्यालय में प्रतिदिन दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्र से अपने जरूरी कार्य से पुरुष व महिलाएं आया करती हैं, लेकिन शौचालय जर्जर रहने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। विभूति तिवारी, सीपीआईएम नेता। 2. प्रखंड मुख्यालय में लाखों की राशि से बनाए गए शौचालय बतौर एक वर्ष बाद ही बेकार हो गया है। शौचालय कि समुचित व्यवस्था नहीं रहने से काफी परेशनी होती है। नवलकिशोर सिंह, बुजुर्ग। 3. परबत्ता सहित तीन पंचायतों को नगर पंचायत घोषित होते ही लोगों को लगा था कि अब बाजार में जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होंगी, लेकिन अभी धरातल पर कोई विशेष परिवर्तन नहीं होता दिख रहा है। अखिलेश दास, पूर्व प्रखंड अध्यक्ष, राजद। 4. प्रखंड मुख्यालय में सामुदायिक शौचालय का होना अति आवश्यक है, लेकिन अधिकारी मुकदर्शक बने हुए हैं। रंजीत कुमार सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता। 5 प्रखंड में सामुदायिक शौचालय का अगर निर्माण हो जाता तो छोटे-छोटे कारोबारी व जरुरी कार्य सें प्रखंड आए पुरुष व ख़ासकर महिलाओं कि परेशानी काफी कम होती। मो. सुलेमान, सामाजिक कार्यकर्ता। 6. परबत्ता व्यापार मंडल के बगल में गत तीन वर्षो पूर्व सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है, लेकिन फ्रंट पर नहीं रहने के कारण सुरक्षा कि दृष्टि सें उस शौचालय का उपयोग महिलाए नहीं कर पाती हैं। सुनील झा, कांग्रेस नेता, मुरादपुर। बोले अधिकारी : प्रखंड मुख्यालय में जर्ज़र सामुदायिक शौचालय को बहुत जल्द दुरुस्त कर समुचित व्यवस्था उपलब्ध करायी जाएगी। इसको लेकर पहल की जा रही है। संतोष कुमार पंडित, बीडीओ, परबत्ता।
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