पक्की सड़क की सुविधा से वंचित हैं संझौती गांव के लोग
अलौली के संझौती गांव की आबादी लगभग दस हजार है, लेकिन यहां जाने के लिए कोई पक्की सड़क नहीं है। किसानों, छात्रों और मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासन से सड़क...

अलौली। एक प्रतिनिधि गोरियामी पंचायत का संझौती गांव प्रखंड मुख्यालय से मात्र ढ़ाई किलो मीटर पर स्थित है। जिसकी आबाादी लगभग दस हजार की है। इसके आसपास कई छोटे-छोटे टोले भी हैं। प्रखंड मुख्यालय से संझौती गांव को जाने के लिए एक भी कालीकरण सड़क नहीं है। जिसके कारण किसान, पशुपालक, छात्र-छात्राओं के अतिरिक्त मरीजों को भी बेहतर लाभ का अवसर प्राप्त नहीं हो पा रहा है। ना ही आधुनिक विकास की रफ्तार से जुड़ पाया है। यहां के लोग पंचायती राज व्यवस्था में किसी तरह से जीने को मजबूर हो रहे हैं। प्रखंड मुख्यालय से संझौती गांव जाने के लिए दो सड़क है।
पहला वह है जो मधुपुर होते संझौती गांव को जाती है दूसरी वह है जो भिरोरिया मुसहरी से संझौती गांव को जाती है। दोनों सड़क आजादी समय से ही पक्की सड़क देखने को ललायित हैं। जिस पर आज तक किसी सांसद, विधायक या प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया है। यह अलग बात है कि इस पंचायत के लड़ही, सोंडाभार गांव जो शुंभा पंचायत से जुड़ाव रखती है। सड़क तो ग्रामीण कार्य विभाग से लाखों खर्च कर बनी, परन्तु संवेदक आधी अधूरी गुणवत्ताहीन सड़क निर्माण कर भाग गया। जिस कारण यह सड़क भी चलने लायक नहीं है। वहीं पीडब्लूडी सड़क जो प्रखंड मुख्यालय के पास के बागमती नदी पर बने पुल के पश्चिमी भाग से भिरोरिया मुसहरी को जाती है। आठ साल पहले बनी परन्तु इसकी समय-समय पर मरम्मत नहीं होने के कारण जर्जर हो गई है। भिरोरिया मुसहरी की गांव तक की सड़क रौन पंचायत द्वारा पीसीसी सड़क निर्माण कर दिया, लेकिन भिरोरिया मुसहरी के अंतिम भाग से संझौती गांव को जाने वाली सड़क आज भी कच्ची ही है। संझौती गांव के पास पूर्व में पंचायत द्वारा ईट सोलिंग सड़क बनी थी। वह भी टूटकर कच्ची बन गई है। उक्त सड़क में दो जगह बारिश के पानी के निकास के लिए छोटी-छोटी पुलिया की मांग ग्रामीण स्तर से होती रही है परन्तु अब तक मांग पूरी नहीं हो पायी है। ग्रामीण वकील सदा, सोचित सदा, भैरव सदा आदि ने विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि उक्त सड़क की समस्या आज तक कोई पदाधिकारी व प्रतिनिधि नहीं सुनी। वही ग्रामीण शंभू यादव, सिकंदर यादव, विजय यादव आदि ने बताया कि अलौली पुराना पेट्रोल पंप से संझौती गांव तक ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा सड़क एवं पुल का निर्माण करना था। स्थानीय सामाजिक कार्यकत्र्ता रामचन्द्र प्रसाद यादव ने बताया कि उक्त सड़क निर्माण मे संवेदक मधुपुर गांव के पास बागमती नदी में पुल निर्माण कर छोड़ दिया। ढ़ाई किलो मीटर के बदले एक किलो मीटर सड़क बनाकर संवेदक चला गया। मधुपुर पुल से संझौती गांव जाने वाली सड़क नहीं बनी जिस पर कई बार विभाग के लोगों का ध्यान आकृष्ट कराया गया। उस पर भी भी कोई पहल नहीं की गई। फिर उक्त सड़क निर्माण का प्रयास आज तक विफल रहा। ग्रामीण सहयोग से बनी ईट सोलिंग सड़क : मधुपुर वागमती नदी पुल से संझौती मिडिल स्कूल तक एक किलोमीटर की सड़क ग्रामीण सहयोग से बनी है। इसके लिए घर-घर चंदा एवं श्रम से सड़क में मिट्टी डालकर ईट सोलिंग की गई। इस पर पीसीसी सड़क निर्माण के लिए स्थानीय विधायक एवं प्रमुख से कई बार प्रयास किया गया। जहां सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा, परन्तु पांच साल में इस पर किन्ही की महेरबानी नहीं हो पायी है। वर्त्तमान मे बारिश के कारण सड़क की ईट नष्ट हो रही है। थोड़ी बारिश में भी कीचड़ से गड्ढे बन गए हैं। पशुपालकों के जानवरों की आवाजाही से यह सड़क काफी क्षतिग्रस्त हो रही है। पीसीसी सड़क बनने से ही राहत मिल सकती है। बताया गया कि ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा जो सड़क पूरी की जानी थी वह दूसरी जगह सड़क निर्माण कर काम पूरा दिखा दिया। विभाग की इस लापरवाही को कोई देखने वाला भी अब तक नहीं दिखा। आखिरकार यहां के ग्रामीण कालीकरण सड़क से पूरी तरह वंचित थे और आज भी हैं। जनप्रतिनिधि संझौती गांव को उपेक्षित कर रखा : पूर्व सांसद निदेशचन्द्र यादव, पूर्व सांसद चौधरी महबूब अली केसर, विधायक रामवृक्ष सदा, पूर्व विधायक चंदन कुमार व रामचन्द्र सदा ने कई बार संझौती गांव से जुड़ाव वाली सड़क निर्माण का आश्वासन दिया, परन्तु अब तक नतीजा ढाक के तीन पात साबित हुआ। सांसद राजेश वर्मा के पास भी ग्रामीणों ने भिरोरिया मुसहरी से संझौती गांव को जाने वाली सड़क निर्माण के लिए गुहार लगा चुके हैं। मधुपुर से संझौती, भिरोरिया मुसहरी से संझौती गांव को जाने वाली सड़क निर्माण की जरूरत है। जिस पर गा्रमीण कार्य विभाग को पहल करनी चाहिए जो नहीं हो पा रही है। बोले लोग : 1. प्रखंड मुख्यालय से संझौती गांव को जाने वाली एक भी कालीकरण सड़क नहीं है। ग्रामीणों की मांग की अनदेखी की जा रही है। नकुल साह, ग्रामीण। 2. प्रखंड का संझौती गांव विकास से काफी दूर है। इसपर जनप्रतिनिधि व प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है। - वकील साहु, ग्रामीण। 3. दस हजार की आवादी के लिए पहंुच सड़क बनाने की मांग होती रही। सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा। कोई पहल नहंी हुई। - अनिल कुमार, ग्रामीण। 4. संझौती गांव के लाग ग्रामीण सहयोग से सड़क निर्माण करने की मजबूर है। प्रशासन को सोचना चाहिए। विकास कुमार, ग्रामीण। 5. बेहतर शिक्षा के लिए छात्र व छात्राएं मुख्यालय जाते हैं। उसकी कठिनाई पर ध्यान देने की जरूरत है। - रिशु कुमार, ग्रामीण। 6. वोट की राजनीति के कारण यहां के ग्रामीण लाभ से वंचित हो रहे हैं। पदाधिकारी भी उदासीन हंै। रामज्ञान ठाकुर, ग्रामीण। बोले पदाधिकारी: मधुपुर से संझौती एवं भिरोरिया मुसहरी गांव से संझौती गांव की सड़क के संबंध में अभी कोई जानकारी नहीं है। पीडब्लूडी सड़क से भिरोरिया गांव तक की पूर्व बनी सड़क का अनुरक्षण समय समाप्त होने की स्थिति में निर्माण कराया जाएगा। सज्जन कुमार, जेई, ग्रामीण कार्य विभाग, खगड़िया। फोटो : 21 कैप्शन: अलौली: भिरोरिया मुसहरी से संझौती गांव जाने वाली कच्ची सड़क।
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