फर्जीवाड़ा पर प्राथमिकी की तैयारी, खंगाली जा रही संचिका
फर्जीवाड़ा पर प्राथमिकी की तैयारी, खंगाली जा रही संचिका

लखीसराय, हिन्दुस्तान संवाददाता। शिक्षा विभाग के पदाधिकारी विकास कार्य में भ्रष्टाचार एवं अनियमितता करने वालों पर कार्रवाई करने के मूड में आ गए हैं। डीएम मिथिलेश मिश्र से निर्देश मिलने के बाद शुक्रवार को पूरे दिन डीईओ यदुवंश राम एवं डीपीओ संजय कुमार के द्वारा फाइलवार दोषियों को चिह्नित करने को लेकर कार्य किया गया। डीएम द्वारा कराए गए जांच में विद्यालय विकास के योजनाओं को धरातल पर कार्य कराए बगैर फर्जी विपत्र, मापी पुस्तिका लगाकर भुगतान कराने का प्रयास किया गया। संयोगवश डीएम ने भुगतान पूर्व जांच करने एवं प्राप्त होने वाले रिपोर्ट के बाद भुगतान करने का आदेश निकाल लगभग 24 करोड़ के वित्तीय गड़बड़ी को रोक दिया। इसके बाद कराए गए जांच में 90 ऐसे योजनाओं को चिह्नित किया गया जिसमें कोई काम नहीं हुआ था। लेकिन कार्य पूर्णत का प्रमाण पत्र लगाते हुए फर्जी बिल व मापी पुस्तिका लगाकर संगठित रूप से भुगतान कराने का प्रयास करने का दोषी पाया गया। ऐसे मामले में डीएम ने सख्ती बरतते हुए प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया था।
इस संबंध में डीईओ यदुवंश राम एवं डीपीओ संजय कुमार ने कहा कि फाइलवार संचिका की जांच की जा रही है। संचिका के जांच के क्रम में भुगतान कराने को लेकर दोषियों को चिह्नित करने की कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही सभी 90 योजनाओं के दोषियों को चिह्नित कर प्राथमिकी दर्ज करायी जाएगी। विभाग के द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराए जाने को लेकर लगभग तैयारी पूरी कर ली गई है। डीपीओ संजय कुमार ने कहा कि टाउन थाना में विभाग के तीन पूर्व तकनीकी कनीय प्रबंधक (जेई) पर गुरुवार को केस दर्ज कराया गया। तीनों कनीय तकनीकी प्रबंधक पर एक शख्स के नाम वाली संचिका को गायब करने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर एक सूची वायरल हुआ था। सूची में रहे नामों से संबंधित संचिका एवं सूची की फाइल उपलब्ध कराने को लेकर जेई को शोकॉज किया गया था। संचिका का कस्टोडियन जेई ही होते हैं एवं उनके द्वारा उक्त संचिका उपलब्ध नहीं कराई गई।
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