वर्षों से विकास की बाट जोह रहा है रामनगर गांव
वर्षों से विकास की बाट जोह रहा है रामनगर गांव

राजेन्द्र राज, सूर्यगढ़ा। सूर्यगढ़ा नगर परिषद का रामनगर गांव अब वार्ड संख्या 06 में पड़ता है और यहां पंचायती राज व्यवस्था से लेकर नगर परिषद में आने के बाद भी वर्षों से विकास की बाट जोह रहा है। पंचायती राज व्यवस्था में यह कभी गोपालपुर पंचायत के अंतर्गत पड़ता था। चार साल पहले नगर परिषद का गठन किया गया तो यह 6 नंबर का वार्ड परिषद क्षेत्र बना। अभी तक ग्रामीण यहां एक भी योजना चालू नहीं होने की बात करते हैं। करीब दो हजार की आबादी में अधिकांश अनुसूचित जाति, अति पिछड़े एवं पिछड़े वर्ग के लोग रहते हैं। लोगों का मुख्य पेशा मजदूरी करना है। इधर यहां क्षिक्षा का प्रचार प्रसार बढ़ा है तो युवा लोग शिक्षित हुए हैं। मामूली संख्या में लोग नौकरी पेशा से जुड़े हुए हैं। अधिकांश खेतिहर जमद या दूसरे की जमीन लेकर खेती करने वाले हैं। कुछ वर्षों में यहां की आबादी में बहुत वृद्धि हुई है, क्योंकि इधर बसने के लायक जमीन की बिक्री होने से सुविधा होती है। नगर परिषद के इतने वर्षों में लोग एक भी कार्य नहीं होने की बात करते हैं। बरसात के दिनों में गांव की कच्ची सड़कों पर पानी जमाव हो जाता है। एनएच 80 के बगल में गड्ढ़े भी हैं। इनमें पानी का जमाव हो जाता है। घरों और पगडंडीनुमा राह में पानी का जमाव हो जाता है। दो तीन माह जल जमाव की समस्या रहने से इन्हें बहुत कठिनाई झेलनी पड़ती है। गांव की ओर एक स्थान से पक्की सड़क गई है। बाकी अन्य जगहों पर कच्ची सड़क है। गली भी कच्ची ही है। पगडंडी नुमा रास्ते जहां तहां बने हुए हैं। लोगों का कहना है कि सबसे बड़ी समस्या नाला नहीं रहने की है। बड़ी लंबाई का नाला बनना चाहिए। गलियों और रास्ते में छोटे नाले का निर्माण होना चाहिए। इससे उन्हें बरसात में जल जमाव की समस्या से मुक्ति मिल सकती है। इसके एक ओर एनएच 80 लखीसराय सूर्यगढ़ा मुंगेर मुख्य मार्ग है तो दूसरी ओर पश्चिम में खेत हैं। पश्चिम दिशा में कई चिमनी भट्ठा हैं। खेती, निर्माण कार्यों के अलावा यहां के लोग चिमनी भट्ठा में भी मजदूरी करते हैं। निर्धनता अथवा कम आमदनी के कारण पक्के मकानों की संख्या में कमी है। कर्भ वासगीत के पर्चा नहीं मिलने की बात की जाती है। एक ग्रामीण के दूसरे के घर के पास रहने की बात बताई गई। यहां सिर्फ एक प्राइमरी स्कूल है और वर्ग एक से पांच तक की पढ़ाई होती है। मात्र एक कमरे और बरामदे पर वर्ग एक से पांच तक की पढ़ाई होती है। बिजली का मात्र एक ही ट्रांसफार्मर है और एक ट्रांसफार्मर की जरूरत बताई गई। मुख्य सड़क के किनारे पोल पर बाक्स नहीं है। इससे सीधे लोग कनेक्शन नहीं ले पाते हैं। कई लोगों ने बताया कि नगर परिषद में आने के बाद वे अब सुविधाओं से वंचित हो गए हैं। पक्का मकान के लिए ऑनलाइन किया जा चुका है और स्वीकृति नहीं मिली है। कई लोगों के पास राशन कार्ड नहीं रहने व नाम कटने की शिकायत की गई। इधर गत 22 अप्रैल को स्वच्छता को लेकर एक बैठक बुलाई गई थी। नगर परिषद के अधिकारी तो आए मगर जिला नगर परिषद कार्यालय के अधिकारी के नहीं आने से क्षोभ व्याप्त है। गांव वालों के अनुसार वे अपने आपको उपेक्षित तथा ठगा हुआ अनुभव करते रहे हैं। कभी कोई अधिकारी भी निरीक्षण में नहीं आते हैं। कहीं कोई विकास कार्य नहीं हुआ। यह अब भी गांव बना हुआ है। विकास की किरणें इस सरजमीं पर अब तक आधी अधूरी ही पहुंची है। सभी वार्ड में नाला निर्माण कराया गया, परंतु उनके वार्ड में यह निर्माण कार्य नहीं कराया गया। पता नहीं इस बार भी नाला निर्माण का कार्य यहां होता है, अथवा नहीं इसे लेकर लोगों में संशय बना हुआ है। इन लोगों का जन प्रतिनिधियों के प्रति भी गुस्सा है, जो वोट के समय वोट देने के यि कहने के लिए आते हैं और इसके बाद उन्हें भूल जाते हैं। कभी समस्याओं को जानने के लिए नहीं आते हैं। सूर्यगढ़ा नगर परिषद के सभापति रुपम देवी ने कहा कि इस वार्ड में दो संपर्क सड़क का निर्माण कराया गया है। दो सड़क सह नाला का प्रस्ताव दिया जा चुका है। ये भी बनेंगे। इस वार्ड में समस्याओं को हल किया जा रहा है।
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