कटेहर गांव में नाला व संपर्क सड़क की समस्या
कटेहर गांव में नाला व संपर्क सड़क की समस्या

राजेन्द्र राज, सूर्यगढ़ा। सूर्यगढ़ा नगर परिषद के वार्ड संख्या 04 के कटेहर गांव के लोगों को मुख्य रूप से जल जमाव की समस्या से परेशान होना पड़ता है। जब भी बरसात का आगमन होता है या असामयिक वर्षा होती है तो वार्ड के विभिन्न संपर्क पथों व गलियों में पानी का जमाव हो जाता है। लोगों के लिए बाहर निकलना मुश्किल पड़ जाता हे। ये संपर्क सड़क मुख्य सड़क मार्ग से जुड़े हुए हैं। एक संपर्क सड़क एक ओर एनएच 80 से हॉस्पीटल मोड़ तक जाती है। दूसरी ओर यह बाबा गौरीशंकर मंदिर धाम जाता है। इसके बाद बाढ़ सुरक्षा तटबंध के पार किऊल नदी एवं श्मशान घाट पड़ता है।
इस संपर्क सड़क पर इतने अवरोधक ब्रेकर बना दिए गए हैं कि गाड़ियों को मंदिर या स्कूल तक जाने में कठिनाई होती है। बाबा गौरीशंकर मंदिर धाम में सूर्यगढ़ा और बाहर के श्रद्धालु माघी पूर्णमासी, छठ महाव्रत और अन्य अवसरों पर आते रहते हैं। इसके अलावा यहां पूरे सावन माह में जलाभिषेक करने वालों का तांता लगा रहता है। लोगों के अनुसार चार साल पहले संपर्क सड़क के निर्माण में दोनों किनारे सोलिंग ईंट नहीं दिया गया। इससे सड़क की चौड़ाई कम होने से यात्रियों को परेशानी होती है। इसके अलावा प्राइमरी स्कूल, वित्त रहित हाई स्कूल, प्राइवेट स्कूल आदि भी इसके किनारे हें। संपर्क सड़क के किनारे के पचास घरों में मुख्यमंत्री सात निश्चय के अंतर्गत नल जल योजना का क्रियान्वयन नहीं किया गया। पाइप और नल नहीं दिया गया। इस कारण से लोगों को पेयजल की आपूर्ति में समस्या का सामना करना पड़ता है। जहां पाइप गाड़ा गया है और जल की आपूर्ति होती है, वहां तीन फीट के बदले एक फीट का गड्ढ़ा करने की शिकायत है। इसके बाद पाइप गाड़ने में जो गड्ढ़ा किया गया था, उसे भरा नहीं जा सका। इससे लोगों को चलने में परेशानी होती है। गाड़ियों क आने जाने में दिक्कत होती है। ग्रामीणों ने बगल के प्राइमरी स्कूल में मिड डे मिल को बराबर ही संपर्क सड़क के किनारे फेंके जाने की शिकायत की। विभिन्न मोहल्ले में जो संपर्क सड़के हैं, उनकी मरम्मति की आवश्यकता बताई गई। सड़क टूटती जा रही है। गलियों का पक्कीकरण नहीं किया गया है। पुरानी पंचायती राज व्यवस्था की टूटी संपर्क सड़कें हैं। सड़क से ऊंचा कर के एक दो जगहों पर नाला बनाया गया है। लोगों का मानना है कि नाला का निर्माण और संपर्क सड़की की मरम्मत आवश्यक है। इससे ही उन्हें जल जमाव से मुक्ति मिल सकती है। बाढ़ सुरक्षा तटबंध की स्थिति जर्जर है। इधर से होकर ही बायपास रोड मानूचक से नंदपुर तक बनाने का प्रस्ताव पहले ही पारित किया जा चुका है। बाय पास रोड बनाने की मांग की जा रही है। वार्ड के क्षेत्र में बाढ़ सुरक्षा तटबंध का भाग जर्जर हो चुका है। इस वार्ड में भी सभी जातियों के लोग रहते हैं। ये कृषि, मवेशी पालन और नौकरी पेशा से जुड़े हुए हैं। राधा कृष्ण के मंदिर से एक संपर्क सड़क एनएच 80 की ओर बौलीपर मोहल्ले की ओर जाती है। इस संपर्क सड़क का कुछ भाग निर्माण के लिए बचा हुआ है। इसके किनारे एक प्राइवेट स्कूल भी है। छात्र छात्राओं, ग्रामीणों व अन्य लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है। बरसात में या बारिश पड़ने पर जल जमाव से कठिनाई बढ़ जाती है। लोगों में इस बात का भी क्षोभ है कि वार्ड पार्षद के द्वारा कार्य नहीं किया गया है। हर जगह नाला और पानी निकास के साथ संपर्क सड़क मरम्मति की आवश्यकता है। उनकी समस्याओं को कोई देखने वाला नहीं। केवल चुनावों के समय आश्वासन दिया जाता है। बांध के उस पार वे लोग नदी के पानी को प्राइवेट रूप में पम्पिंग सेट से पानी से सिंचाई करते हैं। बगीचे और एनएच 80 के इस पार व उस पार सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं है। किसानों के साथ यहां मजदूरों की भी संख्या कम नहीं है। अपने परंपरागत पेशे से भी जुड़े लोग हैं। कई लोगों ने बताया कि इस वार्ड में एक मुख्य घाट है और यहां स्नान करने वालों की अच्छी संख्या होती है। घाट तक जाने के लिए संपर्क सड़क का निमाण नहीं किया गया है। इसके अलावा घाट का सौंदर्यीकरण भी आवश्यक है। विभिन्न धार्मिक अवसरों पर यहां बड़ी भीड़ रहती है। श्मशान घाट से आने वाले इसी घाट में स्नान का कार्य करते हैं। इस घाट की सपर्क सड़क व सीढ़ीयों का निर्माण आवश्यक बताया जा रहा है।
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