Devotion to Lord Shiva No Mantras Required Says Renowned Storyteller Pandit Pradeep Mashriya सिर्फ भाव से प्राप्त हो सकते हैं शिव : पंडित प्रदीप, Madhepura Hindi News - Hindustan
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सिर्फ भाव से प्राप्त हो सकते हैं शिव : पंडित प्रदीप

प्रख्यात कथा वाचक पंडित प्रदीप मश्रिा ने कहा कि शिव जी को पाने के लिए मंत्रों की आवश्यकता नहीं होती, केवल सच्चे भाव से भक्ति करनी चाहिए। उन्होंने सबरी और भगवान राम के उदाहरण से भक्ति की शक्ति का वर्णन...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधेपुराFri, 25 April 2025 05:15 AM
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सिर्फ भाव से प्राप्त हो सकते हैं शिव : पंडित प्रदीप

सिंहेश्वर, निज संवाददाता। प्रख्यात कथा वाचक पंडित प्रदीप मश्रिा ने कहा गुरुवार को अपनी कथा के दौरान कहा कि शिव जी को पाने के लिए कोई मंत्र- मंत्र की जरूरत नहीं होती। शिव को सर्फि भाव से प्राप्त किया जा सकता है। शिव को प्राप्त करने के लिए सर्फि भाव की पवत्रिता की आवश्यकता होती है। कथावाचक ने सबरी और भगवान राम के प्रसंग के माध्यम से भक्ति की नश्छिल भावना का वर्णन किया। सबरी भले ही कुछ पढ़ी लिखी नहीं थी लेकिन उसने राम जी को हृदय में बिठा लिया था। माता साबरी तंत्र- मंत्र कुछ नहीं जानती थी। बस मातंक बाबा ने कह दिया था कि एक दिन राम उसके द्वार आएंगे। भगवान राम के आने की प्रतीक्षा में वह दरवाजे पर झाडू लगाती रही। माता सबरी का वश्विास एक दिन फलीभूत हो गया।

उन्होंने कहा कि भगवान शिव हर भक्त को एक मौका जरूर देते हैं। मेहनत करने वाले को वह कभी खाली हाथ नहीं लौटाते हैं। आज के समय में जिसके पास वश्विास है उसके पास सबकुछ है। भगवान शिव भाग्य बदलने की ताकत रखते हैं। मेहनत करने वाले व्यक्ति को शिवजी दर्शन जरूर देते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान शंकर ने माता पार्वती से कहा था कि मेहनत करोगी तो मंजिल जरूर मिलेगी।

यही बात आज के युवाओं को समझनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन में चाहे संसद की सत्ता हो या घर की मुसीबतें, भगवान शिव हर किसी को रास्ता दिखाते हैं। पंडित मश्रिा ने कहा कि आज के समय में लोगों के पास धन है, बल है, भंडार है लेकिन संयम नहीं है। मनुष्य के पास सबकुछ है पर संतोष नहीं है। उन्होंने कहा कि शिवपुराण में जो ज्ञान है, वह जीवन को दिशा देता है। कथावाचक पंडित प्रदीप मश्रिा ने कहा कि शिवभक्ति से ही जीवन सफल होता है।

महिषासुर वध के लिए देवी बनीं जगदम्बा:श्री शिवपुराण कथा के दौरान कथा वाचक पंडित प्रदीप मश्रिा ने कहा कि महिषासुर के आतंक से देवता परेशान थे। भगवान ब्रह्मा और वष्णिु ने भगवान शंकर से कहा कि इस राक्षस का अंत पार्वती के हाथों होना चाहिए। शंकर ने कहा पार्वती को क्रोध नहीं आता। इसके बाद देवताओं ने मिलकर शक्ति की रचना की। अंत में देवी पार्वती ने जगदम्बा रूप धारण किया। उन्होंने महिषासुर का वध किया। पंडित प्रदीप मश्रिा ने अभाव में भी धर्म से पीछे नहीं हटने की सीख देने वाली कथा सुनाई।

गांव के रामनाथ और उनकी पत्नी भानुमति की कहानी ने लोगों को भावुक कर दिया। शिवरात्रि के दिन गांव वालों ने रामनाथ से शिवलिंग पर एक लोटा दूध चढ़ाने को कहा। रामनाथ परेशान हो गया। घर में दूध नहीं था। भानुमति ने उसे धीरज रखने को कहा। बोली जब कोई धर्म के लिए दरवाजे पर आए तो मना मत करना। अपनी कमी का रोना मत रोना। भानुमति ने रामनाथ को समझाया कि श्रद्धा से बड़ा कुछ नहीं होता। धर्म के काम में मन से सहयोग देना चाहिए।

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