सरकारी कर्मी का दर्जा व मानदेय बढ़े तो कृषि सुधार का उद्देश्य होगा सफल
मधुबनी में किसान सलाहकारों की स्थिति चिंताजनक है। 399 पंचायतों में से 323 किसान सलाहकार काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कम मानदेय पर काम करना पड़ रहा है। किसान सलाहकारों ने सरकार से उचित मानदेय और सरकारी...
मधुबनी । मधुबनी में 399 पंचायतें हैं। सभी पंचायतों में किसान सलाहकार अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। फिलहाल 323 किसान सलाहकार की जिले में बहाली है। अधिकतर सलाहकार को एक से अधिक पंचायत की जिम्मेदारी उठानी पड़ती है। किसान सलाहकारों का कहना है कि कई लोग अपने गृह प्रखंड से 50 से अधिक किलोमीटर की दूरी पर प्रतिनियुक्त हैं। इस वजह से इतने कम मानदेय में इनका गुजारा नहीं हो पा रहा है। इनका कहना है कि सरकार एक तरफ किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात कर रही है, दूसरी तरफ किसानों को कृषि संबंधी कार्यों में सहयोग करने वाले किसान सलाहकार उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं।
बिहार किसान सलाहकार संघ मधुबनी इकाई के जिलाध्यक्ष संजीव कुमार झा व प्रदेश मीडिया सलाहकार विजय चंद्र झा ने बताया कि जनसेवक व ग्रामीण प्रसार कार्यकर्ता की कमी के कारण सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर वीएलडब्लू के रिक्त पद की कमी दूर करने के लिए किसान सलाहकार का चयन जिला स्तर पर किया। पंचायत एवं राजस्व ग्राम स्तर पर जनसेवक के पद रिक्त होने पर किसानों के हित में कृषि प्रसार कार्यक्रम को मजबूती के लिए किसान सलाहकारों की बहाली हुई। मगर अबतक किसान सलाहकारों को सरकारी कर्मी का दर्जा नहीं मिला।
कम मानदेय पर 15 वर्षों से कर रहे कार्य: किशोर प्रसाद, कृष्णमूर्ति, महेश कुमार, मो. जहांगीर आदि का कहना है कि वर्ष 2010 में किसान सलाहकारों की नियुक्ति हुई। वीएलडब्लू के समकक्ष योग्यता व उससे अधिक लाइफ साइंस, कृषि स्नातक, डिप्लोमा, वनस्पति विज्ञान सेे स्नातक व स्नातकोत्तर डिग्री व कृषि विभाग द्वारा प्रशिक्षित किया गया लेकिन कृषि विभाग के परिचारी व हलवाहा से भी कम मानदेय पर बीते 15 वर्ष से काम करना पड़ रहा है। इस वजह से किसान सलाहकार उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। हर विभागीय कर्मी को राज्यकर्मी का दर्जा मिल गया लेकिन उन्हें ऐसा दर्जा देने से इनकार किया जा रहा है। किसान सलाहकार संजय कुमार झा, लक्ष्मण, अमित कुमार, दिनेश पासवन, मो. जहांगीर आदि ने बताया कि वर्ष 2017 से मंहगाई वृद्धि होने पर भी मासिक मानदेय में बढ़ोतरी नहीं हुई। इस कारण हम किसान सलाहकारों को भरण पोषण में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इनका कहना है कि उनकी सेहत ठीक रहेगी तो कृषि की बेहतरी में मदद मिलेगी।
जनसेवक पद के कार्य के मुताविक कर रहे कार्य: किसान सलाहकार संजय कुमार सुमन, फूल साफी, कृष्णवीर नारायण घोष, कृष्णमूर्ति, मनोज कुमार, महेश कुमार आदि ने बताया कि किसान सलाहकार प्रखंड स्तर से पंचायत स्तर पर कृषि विभाग के जनसेवक पद के कार्य के मुताबिक काम करते हुए अन्य विभागों का कार्यों के निष्पादन में भी अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। किसान सलाहकार सहकारिता, सांख्यिकी, ग्रामीण विभाग, पंचायती राज विभाग सहित विभिन्न विभागों के काम सुचारू रूप से वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर काम करते हैं। किसान सलाहकार संघ मधुबनी के पदाधिकारियों ने बताया कि किसान सलाहकारों को कम से कम 40 हजार रुपये मानदेय मिलना चाहिए।
कृषि के साथ-साथ चुनाव कार्यों में भी किसान सलाहकारों से लि काम
कृषि कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका के साथ-साथ चुनाव कार्य में भी किसान सलाहकारों अपनी भागीदारी देते हैं। किसान सलाहकार विजय चंद्र झा, संजय कुमार झा आदि ने बताया कि किसान सलाहकारों से जैविक खेती व जैविक खाद नर्मिाण कार्य के लिए किसानों को प्रोत्साहित करवाया जाता है।
वर्तमान में किसानों को मोटे अनाज मिलेटस के लिए प्रेरित किया जाता है। फसल पर सलाह एवं उत्प्रेरित करने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। वहीं आत्मा के द्वारा किसान समूह का गठन, प्रशक्षिण एवं किसान पाठशाला संचालित करने में भी मुख्य भूमिका होती है। इसके अलावा पौधा संरक्षण विभाग के बीज टीकाकरण अभियान किसान सलाहकार के जिम्मे होता है। अनुदानित दर पर जैविक कीटनाशक, फफूदनाशक दवा एवं छिड़काव यंत्र के लिए किसानों को सलाह देना भी इनका कार्य है। किसान सलाहकार सहकारिता, सांख्यिकी, ग्रामीण विभाग, पंचायती राज विभाग सहित विभन्नि विभागों के काम भी वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर समय- समय पर करते हैं।
बोले जिम्मेदार
किसान सलाहकार विभाग के महत्वपूर्ण अंग हैं। इन लोगों से हर तरह के कृषि से संबंधित कार्य लिए जाते हैं। किसान सलाहकार के पद रिक्त रहने की वजह से एक किसान सलाहकार को दो पंचायतों की जिम्मेदारी दी जाती है। रिक्त पदाें पर बहाली हो जाने के बाद किसान सलाहकार अन्य पंचायतों की जवाबदेही से मुक्त हो जाएंगे। अन्य कार्यों के बदले में किसान सलाहकारों को अलग से राशि का भुगतान होता है। किसान सलाहकार को सहूलियत के आधार पर उनकों पंचायतों में लगाया जाता है। सलाहकारों की कोई भी मांग लंबित नहीं है।
ललन कुमार चौधरी, जिला कृषि पदाधिकारी,मधुबनी।
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