अंधरा के प्रोफेसर जेएल कर्ण नहीं रहे
अंधरा गांव निवासी महान गणितज्ञ प्रोफेसर जगदीश लाल कर्ण का निधन मुजफ्फरपुर में शुक्रवार को हुआ। वे छपरा के जगदंब कॉलेज में गणित विभाग के एचओडी रहे और 'एब्स्ट्रेक्ट अलजेब्रा' नामक पुस्तक के लेखक थे।...
झंझारपुर। अंधराठाढ़ी प्रखंड के अंधरा गांव निवासी महान गणितज्ञ प्रोफेसर जगदीश लाल कर्ण नहीं रहे। उनका देहावसान मुजफ्फरपुर में शुक्रवार दोपहर में हो गया। प्रोफेसर जे एल कर्ण के नाम से मशहूर गणितज्ञ छपरा के जगदंब कॉलेज में गणित विभाग के एचओडी से अवकाश ग्रहण किए थे। उन्होंने एब्स्ट्रेक्ट अलजेब्रा नाम से गणित की एक अद्वितीय पुस्तक लिखी थी जो भारतीय भवन से प्रकाशित हुई थी। इसे गणित के छात्र अलजेब्रा पढ़ने के लिए खरीदते हैं। आज भी बाजार में गणित पढ़ाने वाले छात्रों के लिए प्रासंगिक है। इसके अलावा भी इन्होंने मैथमेटिकल ट्रिक की कई रचनाओं की थी जो बाजार में उपलब्ध है। इनके पीछे दो पुत्र राजेंद्र कर्ण एवं प्रशांत कर्ण है। राजेंद्र कर्ण फिल्मी दुनिया से जुड़े हुए हैं और भोजपुरी मैथिली संथाली नेपाली सहित हिंदी भाषा की कई फिल्म में काम किया है। उनके निधन की खबर इलाके में फैलते ही शोक की लहर फैल गई। फुलदेवी कुशेश्वर झा महाविद्यालय के प्रिंसिपल डॉक्टर चंद्रशेखर झा ने मिथिला की क्षति बतायी। ललित नारायण जनता महाविद्यालय के प्रिंसिपल डॉक्टर नारायण झा ने इस क्षेत्र गणितज्ञ में शून्यता आने की बात कही है। पार्वती लक्ष्मी कॉलेज के प्रो. डॉ संजीव झा ने अपूरणीय क्षति बताया है। शोक व्यक्त करने वालों में कई जनप्रतिनिधि और देश-विदेश में उनके शिष्य लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से अपने अनुभव साझा कर रहे हैं।
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