Residents of Madhubani s Paswan Tola Struggle for Basic Amenities Despite Municipal Inclusion बारिश में घरों में घुस जाता पानी, गर्मी में दूसरे मोहल्ले से ढोने की मजबूरी, Madhubani Hindi News - Hindustan
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बारिश में घरों में घुस जाता पानी, गर्मी में दूसरे मोहल्ले से ढोने की मजबूरी

मधुबनी के पासवान टोला के निवासियों को नगर निगम में शामिल होने के बावजूद बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। पेयजल, सड़क जलजमाव, और वृद्धा पेंशन की कम राशि जैसी समस्याएँ उन्हें परेशान कर रही हैं। वार्ड में...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधुबनीTue, 6 May 2025 05:03 PM
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बारिश में घरों में घुस जाता पानी, गर्मी में दूसरे मोहल्ले से ढोने की मजबूरी

मधुबनी । नगर निगम क्षेत्र के पासवान टोला के लोग पंचायत से नगर निगम में शामिल होने के बाद भी फजीहत झेल रहे हैं। वर्षों से इन्हें न तो योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है और न ही मूलभूत सुविधाएं ही उपलब्ध हो रही हैं। पेयजल और सड़क पर जलजमाव यहां की मुख्य समस्याएं हैं। यहां के लोगों की शिकायत है कि इनकी समस्याओं को देखने वाला कोई नहीं है। वार्ड में नाला निर्माण नहीं होने से बरसात के मौसम में सड़कों पर जलजमाव होता है। स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि पानी घरों के अंदर घुस जाता है।

चंदा देवी, इन्द्रकला देवी, अंजू देवी, अमोला देवी आदि ने मोहल्ले की समस्या को लेकर कहा कि पूर्व में हमलोग पंचायत में थे। मुखिया के द्वारा जो कार्य किया गया, वही अब भी है। नगर निगम में शामिल होने के बाद से मोहल्ले के विकास को लेकर कोई कार्य नहीं कराया गया है। अधिकारी व जनप्रतिनिधि विकास को लेकर गंभीर नहीं हैं। पेयजल की समस्या गंभीर: लोगों का कहना है कि गर्मी के मौसम में जलस्तर नीचे चला जाता है। इससे चापकल से पानी आना बंद हो जाता है। लोग पीने के पानी के लिए भी तरस जाते हैं। चुनाव के समय जनप्रतिनिधियों द्वारा फ्री में पानी का टैंकर हर मोहल्ले में भेजवाया जाता था लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद सब बंद हो गया। वर्तमान में मोहल्ले में नल जल की टंकी तो है लेकिन पाइप का कहीं कुछ पता नहीं। मजबूरन मोहल्ले वासियों को दूसरे के घरों से पीने के लिए पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है। स्थानीय ऊषा देवी, सुभीतिया देवी, बिना देवी आदि महिलाओं ने बताया कि हमलोग हर रोज मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण वर्षों से करते आ रहे हैं। सरकार द्वारा मिलनेवाला राशन भी कई महीने से बंद कर दिया गया है। महंगाई के जमाने में परिवार चलना और भी मुश्किल होता जा रहा है। मामूली पेंशन नाकाफी : बढ़ती महंगाई के इस दौर में वृद्धा पेंशन के रूप में मात्र चार सौ रुपए मिलना वृद्धजनों के साथ किसी विडंबना से कम नहीं है। इस राशि से आज के समय में एक दिन का भी राशन खरीदना मुश्किल हो गया है। सरकार द्वारा दी जाने वाली यह नाममात्र की सहायता राशि बुजुर्गों के लिए काफी नहीं है। बुजुर्ग महिला और पुरुषों का कहना है कि जब हर चीज़ की कीमत दिन-ब-दिन बढ़ रही है, तब पेंशन की राशि वर्षों से जस की तस क्यो है। अन्य राज्यों में जहां बुजुर्गों को दो हजार रुपए या उससे अधिक पेंशन मिल रही है, वहीं बिहार जैसे राज्य में अभी भी यह राशि बेहद कम है। स्थिति यह है कि कई वृद्ध जनों को वह भी नहीं मिल पा रहा है, जिन्हें पेंशन स्वीकृत होनी चाहिए थी। पेंशन के लिए महीनों चक्कर लगाने के बावजूद उन्हें केवल आश्वासन मिलता है, जिससे उनमें प्रशासन के प्रति गहरी नाराजगी है। उनका कहना है कि उम्र के इस पड़ाव में जब शरीर साथ नहीं देता, तब यह थोड़ी सी आर्थिक सहायता उनके लिए बहुत मायने रखती है। लेकिन पेंशन की राशि और वितरण व्यवस्था दोनों में सुधार की आवश्यकता है। बुजुर्गों ने सरकार से मांग की है कि पेंशन की राशि कम से कम दो हजार रुपए की जाए और वितरण में पारदर्शिता सुनश्चिति की जाए, ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत कर सकें। स्मार्ट मीटर के बिल से परेशानी लोगों ने स्मार्ट मीटर को लेकर अपनी गंभीर समस्याएं सामने रखी हैं। उनका कहना है कि वे प्रतिदिन दिहाड़ी मजदूरी कर किसी तरह अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। ऐसे में बढ़ती महंगाई ने पहले ही उनकी कमर तोड़ दी है और अब स्मार्ट मीटर उनके लिए एक अतिरक्ति आर्थिक बोझ बन गया है। लोगों का कहना है कि बिना किसी उचित जानकारी और जागरूकता के उनके घरों में स्मार्ट मीटर लगा दिया गया है। उन्हें न तो यह बताया गया कि यह मीटर कैसे काम करता है, और न ही यह कि इसे कब और कैसे रिचार्ज करना है। इससे कई बार बिजली बिना पूर्व सूचना के कट जाती है। इससे बच्चों की पढ़ाई, खाना पकाना और अन्य दैनिक कार्य प्रभावित होते हैं। मजदूरी करने वाले इन परिवारों के पास न तो स्मार्टफोन है और न ही ऑनलाइन पेमेंट की समझ। लाइन में लगकर रिचार्ज करवाना भी एक झंझट बना हुआ है। साथ ही, कभी-कभी अचानक कट जाने से रात के समय अंधेरे में रहना पड़ता है, जिससे महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है। लोगों ने बिजली विभाग से मांग की है कि या तो स्मार्ट मीटर की प्रक्रिया को सरल बनाया जाय। नाला िनर्माण नहीं होने से जलजमाव नगर निगम क्षेत्र के बाबू साहब डियौरिह पासवान मोहल्ला में नाला निर्माण नहीं होने के कारण स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर बरसात के मौसम में स्थिति और भी भयावह हो जाती है। नाले के अभाव में बारिश का पानी सड़कों पर भर जाता है, जिससे जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है। यह जलजमाव कई दिनों तक बना रहता है, जिससे मोहल्ले के लोगों का घर से बाहर निकलना तक मुश्किल हो जाता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने कई बार वार्ड पार्षद और नगर निगम के अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। स्कूल जाने वाले बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। जलजमाव के कारण सड़कें खराब हो जाती हैं, जिससे फिसलने और दुर्घटना का खतरा बना रहता है। इसके साथ ही गंदा पानी जमा होने से मच्छरजनित बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का प्रकोप इस क्षेत्र में हर वर्ष देखने को मिलता है। लोगों का कहना है कि जब वे नगर निगम को टैक्स दे रहे हैं तो उन्हें बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। 

बोले जिम्मेदार रांटी स्थित बाबू साहब डियौरिह पासवान टोल की समस्याओं को लेकर नगर निगम की ओर से कार्यवाही की जा रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ जरूरतमंद लोगों को दिया जा रहा है, जिससे गरीब और वंचित परिवारों को आवास की सुविधा मिल सके। क्षेत्र में सड़क और नाला निर्माण कार्य के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है और जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा। इससे स्थानीय लोगों को बेहतर यातायात और जलनिकासी की सुविधा मिलेगी। -अरुण राय, मेयर, नगर निगम मधुबनी

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