बिहार के इस जिले में पेड़ों से गिर क्यों मरने लगे कौवे, दहशत में गांव वाले
- वाइल्ड बर्ड में पैरालाइसिस का अंदेशा जताते हुए बताया कि एहतियातन नजदीकी पोल्ट्री फॉर्म की मुर्गियों के सीरम की जांच कराई जाएगी, ताकि बर्ड फ्लू की जांच की जा सके। एहतियात के तौर पर ग्रामीणों के सहयोग से सभी मृत कौवों को गड्ढे में चूना का प्रयोग कर दफनाने की प्रक्रिया पूरी कराई गई।

बिहार में भोजपुर जिले के कोईलवर प्रखंड के हरहंगी टोला गांव के पास सागवान के बागीचे में अचानक 15 से 20 कौवों की मौत को लेकर इलाके में हड़कंप मच गया है। बर्ड फ्लू के कारण महामारी की आशंका के मद्देनजर गांव वालों ने इसकी जानकारी पशुपालन विभाग को दी। इसके बाद विभागीय टीम ने मंगलवार को गांव के बधार में पहुंचकर पूरे मामले की जांच की। ग्रामीणों ने बताया कि दो दिनों के अंदर गांव के बाहर सागवान के बागीचे में एक साथ 15 से 20 कौओं के मरने की जानकारी मिली, तो लोगों की भीड़ जुट गई।
अफरातफरी के बीच गांव वालों ने पशुपालन विभाग की टीम को सूचित किया। इसकी जानकारी मिलते ही पशु चिकित्सक डॉ विशाल शर्मा के नेतृत्व में विभागीय टीम मौके पर पहुंची और एक साथ कौवों के अचानक मृत होने के कारणों की पड़ताल की। चिकित्सक ने बताया कि मृत कौवों में बर्ड फ्लू जैसा कोई प्रारंभिक लक्षण नहीं दिखा है।
उन्होंने बताया कि गांव के पांच किलोमीटर के दायरे में कोई पोल्ट्री फॉर्म भी नहीं है, जिससे मृत कौवों में बर्ड फ्लू जैसा लक्षण होने की आशंका हो। बताया कि हो सकता है कि आम के मंजर पर दवा के छिड़काव के कारण इनके अंदर जहर गया हो और इनकी मौत हो गई हो।
वाइल्ड बर्ड में पैरालाइसिस का अंदेशा जताते हुए बताया कि एहतियातन नजदीकी पोल्ट्री फॉर्म की मुर्गियों के सीरम की जांच कराई जाएगी, ताकि बर्ड फ्लू की जांच की जा सके। एहतियात के तौर पर ग्रामीणों के सहयोग से सभी मृत कौवों को गड्ढे में चूना का प्रयोग कर दफनाने की प्रक्रिया पूरी कराई गई। बता दें कि बागीचे में एक-एक कर पेड़ों से गिर कौवों की मौत हो रही थी। यह देख ग्रामीण सहम गये और इसकी सूचना विभाग को दी।