बंद हो एक के बदले दो यूनिट खून की मांग, चालू हो सेपरेटर मशीन
मोतिहारी के सदर अस्पताल और रेडक्रॉस में रक्तदान करने वाले डोनरों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। डोनरों को निगेटिव ब्लड लेने के लिए पॉजिटिव ब्लड देना होता है, जिससे नियमित डोनर परेशान हैं। इसके...
शहर के सदर अस्पताल व रेडक्रॉस में एक यूनिट निगेटिव ब्लड अगर लेना हो तो डोनर को दो यूनिट पॉजिटिव ब्लड देना होता है। यह नियमित डोनरों के साथ अनियमित डोनरों को बहुत भारी लगता है। नियमित डोनर अनिरुद्ध लोहिया का कहना है कि ऐसी व्यवस्था मोतिहारी को छोड़कर भारत वर्ष में कहीं नहीं है। उन्होंने इसे अमानवीय बताते हुए कहा कि इस प्रावधान को बदलना जरूरी है। नियमित डोनरों ने कहा कि कई व्यवस्थाओं में सुधार की जरूरत है। रेडक्रॉस में दिन में खून के बदले खून लेने जाने पर नौ सौ रुपये लगता है। वहीं रात में जाने पर 1100 रुपये लिया जाता है।
इस व्यवस्था से खून के लिये जरुरतमंदों पार आर्थिक बोझ व परेशानी बढ़ती है। इसके अलावा उसे चौबीस घंटे खुला रख सेवा देने का प्रावधान है। लेकिन रेडक्रॉस के गेट में रात में ताला लग जाता है। बार-बार चल्लिाने के बाद गार्ड निकलता है तो मरीज के परिजन को सहयोग करने की जगह सवाल ही पूछने लगता है। परिजन परेशान हो जाते हैं। नियमित ब्लड डोनर सदर अस्पताल ब्लड बैंक के लिये कैंप लगाकर ब्लड डोनेट करना छोड़ दिया। डोनरों के साथ समस्या होती है कि वे लोग स्वेच्छा से खून देते हैं। सदर अस्पताल में ऐसा लगाता है कि उसकी जरूरत ही नहीं है। ब्लड बैंक के कर्मी का ऐसा व्यवहार रहता है कि डोनर अपने को अपमानित समझने लगते हैं। रात में सदर अस्पताल से ब्लड मिलने की कोई व्यवस्था नहीं रहती है। वहां के कर्मी ताला बंदकर सो जाते हैं। चौबीस घंटे चालू रखने के प्रावधान में सर्फि दिन में ही सेवा दी जाती है। इससे खून के लिये परेशान लोग ठगी का शिकार होते हैं। डोनरों को यह मलाल रहता है कि उनकी ओर से डोनेट खून का समय पर उपयोग नहीं हो पाता है। सदर अस्पताल की इस व्यवस्था को लेकर नियमित डोनरों ने कैंप लगाकर ब्लड डोनेट करना छोड़ दिया। ब्लड लेने वालों की संख्या अधिक है। जब ब्लड देने की बात आती है तो अनियमित डोनर पीछे हट जाते हैं। इसके लिये नियमित डोनरों ने कहा कि प्रशासन की ओर से डॉक्टरों की उपस्थिति में जन जागरूकता कैंप लगाकर ब्लड डोनेट करने के फायदे को बताया जाना चाहिए। ब्लड डोनेट करने से कई तरह के रोगों का क्षय होता है और शरीर स्वस्थ रहता है। आम लोग इस बात को समझ जाएं तो डोनर घबड़ाएंगे नहीं। वैसे लोग नियमित डोनर भी बन सकते हैं। खून के अभाव में होने वाली मौत की संख्या कम होगी। कमरे में साफ-सफाई की कमी रहती है। जिससे डोनर भय खाते हैं। रक्तदाता की जांच के लिए एक्सपर्ट होना चाहिए। डोनेट करने वालों के लिये रेस्ट रूम का होना जरूरी है। डोनर बलाल खान के अनुसार, ब्लड डोनेशन करने जाने वालों के लिए रेस्ट रूम की जरूरत है। ब्लड डोनेशन के बाद रक्त दाता को कभी-कभी आराम करने की आवश्यकता भी पड़ जाती है। वहीं डोनर निरंजन गोस्वामी के अनुसार, ब्लड डोनेशन के लिए जांच करने की प्रक्रिया में काफी समय लग जाता है। इसके अलावा स्टाफ की कमी के कारण भी समय अधिक लगता है । जिससे रक्तदाता को परेशानी होती है। इधर, डोनर निरंजन गोस्वामी के अनुसार, जहां ब्लड डोनेशन होता है उस कमरे में सफाई की कमी देखकर डोनर चिंतित हो जाते हैं। कभी-कभी बिना रक्तदान किए बिना ही वापस लौट जाते हैं। डोनरकर्मी एक्सपर्ट व अनुभवी नहीं होते हैं, जिसके कारण ब्लड डोनेशन के बीच में ही ब्लड निकलना धीमा या कभी-कभी बंद हो जाता है। ब्लड डोनेशन वाले कमरे में नहीं रहती सफाई, आराम के लिए कमरा नहीं डोनर निरंजन गोस्वामी के अनुसार, जहां ब्लड डोनेशन होता है उस कमरे में सफाई की कमी देखकर डोनर चिंतित हो जाते हैं । कभी-कभी बिना रक्तदान किए डोनर वापस लौट जाते हैं। डोनरकर्मी एक्सपर्ट एवं अनुभव नहीं होते हैं जिसके कारण ब्लड डोनेशन के बीच में ही ब्लड निकलना धीमा या कभी-कभी बंद हो जाता है। डोनर बलाल खान के अनुसार, ब्लड डोनेशन करने जाने वालों के लिए रेस्ट रूम की आवश्यकता है। ब्लड डोनेशन के बाद रक्त दाता को कभी-कभी आराम करने की आवश्यकता भी पड़ जाती है। शिकायतें 1. ब्लड को सुरक्षित रखने की व्यवस्था नहीं होने से ब्लड डोनर में उत्साह की कमी हो जाती है। 2. सदर अस्पताल व रेडक्रॉस में ब्लड का डिजिटल चार्ट नहीं होने से ब्लड के स्टॉक की जानकारी नहीं मिलती। 3. ब्लड डोनर जब ब्लड डोनेट करते हैं तो संस्थानों की ओर से उन्हें कोई जूस उपलब्ध नहीं कराया जाता है। 4. जरूरतमंदों को जानकारी नहीं मिलती है कि शहर या जिले में ब्लड बैंक कहां कहां है। लोग ठगी के शिकार होते हैं। 5. जागरूकता अभियान चलाकर फायदा नहीं बताने से आम लोग ब्लड डोनेट करने से भय खाते हैं। सुझाव 1. सदर अस्पताल व रेडक्रॉस में डोनेट खून को सुरक्षित रखने की मुकम्मल व्यवस्था होना चाहिए। इससे किसी की जीवन बचती है। 2. ब्लड बैंक चार्ट को अपडेट करने की जरूरत है। दोनों स्थानों पर डिजिटल चार्ट होना चाहिए। 3. ब्लड डोनेट करने के बाद डोनर को ओआरएस, जूस आदि तुरंत मिलना चाहिए। ऐसा प्रावधान भी है। 4. ब्लड बैंक शहर या जिले में कहां कहां है इसकी सूची सिविल सर्जन जारी करना चाहिए। जरूरतमंद लोगों के हक में फायदा होगा। 5. ब्लड डोनेट को लेकर लोगों में जागरूकता लाने की आवश्यकता है। इससे डोनरों की संख्या बढ़ेगी तो जान भी बचेगी। बोले जम्मिेदार रेड क्रॉस का जो नियम है उसके अनुसार काम होता है। किसी भी व्यक्ति को खून लेने व देने में कोई शंका व संदेह हो तो इसकी सूचना शीघ्र दें । त्वरित कार्रवाई की जाएगी। रात में खून निकालने का चार्ज 1100 व दिन में 900 इसकी जानकारी मिली है। पहले की कमेटी इसको स्वीकृत की थी। इस बन्दिु पर पहल कर ठोस कार्रवाई होगी। राजेश्वरी पांडेय, कार्यकारी अध्यक्ष, रेड क्रॉस मोतिहारी
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