अम्बेडकर के विचार बेहद उपयोगी व प्रासंगिक
महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय ने भारत रत्न डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर जयंती समारोह के उपलक्ष्य में आशु भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया। प्रतियोगिता में 45 छात्रों ने भाग लिया। डॉ. अम्बेडकर के...

मोतिहारी,नप्रि। महात्मा गांधी केंद्रीय वश्विवद्यिालय द्वारा भारत रत्न डॉ बाबा साहेब अम्बेडकर जयंती समारोह के उपलक्ष्य में आशु भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। बाबा साहेब अम्बेडकर जयंती समारोह में वश्विवद्यिालय के कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव, मुख्य संरक्षक के रूप में रहे। आशु भाषण प्रतियोगिता में डॉ अम्बेडकर के जीवन-दर्शन, आदर्शो, विचारों, क्रियाकलापों, योगदान, सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक विचारों के साथ ही समकालीन दृष्टिकोण में बाबा साहेब के विचारों की प्रासंगिकता से संबंधित विषय दिए गए। भाषण प्रतियोगिता के माध्यम से वद्यिार्थियों में सकारात्मक और सहज अभव्यिक्ति को बढ़ावा देने के साथ ही वद्यिार्थियों को डॉ. अम्बेडकर के सामाजिक न्याय, समानता और संवैधानिक मूल्यों पर सार्थक परिचर्चा को प्रोत्साहित किया गया। प्रतियोगिता में नर्णिायक मंडल के रूप में प्रो. प्रणवीर सिंह, अधष्ठिाता, जीवन वज्ञिान संकाय एवं प्रो. रफिक ऊल इस्लाम, अध्यक्ष, रसायन वज्ञिान विभाग, डॉ. मुकेश कुमार, अध्यक्ष, शक्षिा शास्त्र विभाग उपस्थित रहे । कार्यक्रम संयोजक के रूप में डॉ. नरेंद्र सिंह, सहायक आचार्य, राजनीति वज्ञिान विभाग एवं डॉ. आशा मीना, सहायक आचार्य, हिंदी विभाग उपस्थित रहे । प्रतियोगिता की प्रस्तावना और डॉ. नरेंद्र सिंह ने प्रस्तुत की। वश्विवद्यिालय के कुल 45 वद्यिार्थियों ने विषयानुसार शामिल हुए। आशुभाषण के लिए महत्त्वपूर्ण विषय डॉ अम्बेडकर एवं गांधी, डॉ अम्बेडकर एवं सामाजिक क्रांति, डॉ अम्बेडकर एवं सामाजिक न्याय, डॉ अम्बेडकर एवं बौद्ध धर्म/दर्शन, डॉ अम्बेडकर एवं भारतीय अर्थव्यवस्था, डॉ अम्बेडकर एवं भारतीय संविधान, एवं डॉ अम्बेडकर एवं भारतीय शक्षिा थी। नर्णिायक मंडल के प्रो. प्राणवीर सिंह ने विजेताओं के नाम की घोषणा की। प्रथम स्थान पर चंदन कुमार, एम. ए. शक्षिा शास्त्र, द्वितीय स्थान पर अमन राज निलेश एमबीए और तृतीय स्थान पर खुशी कुमारी, एम ए, राजनीति शास्त्र विभाग सफल रही। सांत्वना पुरस्कार विकास कुमार शोधार्थी हिंदी विभाग व स्वाति दुबे, एम ए, राजनीति शास्त्र विभाग थी। नर्णिायक मंडल के जज डॉ मुकेश कुमार ने कहा कि प्रतिभागियों ने डॉ अम्बेडकर के महत्वपूर्ण पक्ष जैसे, सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक एवं धार्मिक को केंद्र में रखकर सुंदर प्रस्तुति दी। प्रो. रफिक ऊल इस्लाम ने कहा कि अम्बेडकर के विचारों का वश्लिेषण कर वर्तमान समय में उसकी उपयोगिता व प्रासंगिकता का मूल्यांकन करना चाहिए। प्रो. प्राण वीर सिंह ने कहा कि वद्यिार्थियों को शॉर्टकट से बाहर जाना चाहिए एवं अधिकाधिक अध्ययन पर जोड़ देना चाहिए। इससे वद्यिार्थियों के अंदर आत्मवश्विास के साथ साथ उसके कौशल का भी विकास होता है। वद्यिार्थियों को सर्वदा प्रश्न केंद्रीत होकर उत्तर देना चाहिए या देने का प्रयास करना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान वश्विवद्यिालय के विभन्नि विभागों के वद्यिार्थी व शोधार्थी उपस्थित थे। वद्यिार्थी कुशांक, गुलशन व सुरजभान की सक्रिय भूमिका थी।
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