हाई हॉर्स पॉवर डीजल इंजन मरम्मत करने वाला देश का दूसरा कारखाना बना जमालपुर
क्लूसिव रिपोर्ट जमालपुर। इम्तेयाज आलम रेल इंजन कारखाना जमालपुर भले ही सबसे पुराना वर्कशॉप है, लेकिन वर्तमान में आधुनिकता के दौर में भी जमालपुर कारखाना

जमालपुर। इम्तेयाज आलम रेल इंजन कारखाना जमालपुर भले ही सबसे पुराना वर्कशॉप है, लेकिन वर्तमान में आधुनिकता के दौर में भी जमालपुर कारखाना ने अपना संघर्ष जारी रखा है। अपनी कुशलता के दम पर फिर से भारतीय रेल में अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश में जुटा है। इसी कोशिश और संघर्ष को देखते हुए इस बार रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली ने जमालपुर वर्कशॉप को वर्ष 2025-26 के लिए कुल 22 हाई हॉर्स पॉवर इंजन की मरम्मत (पीओएच) का नया काम दिया है। जबकि इससे पूर्व वर्ष 2024-25 के लिए कुल 10 डीजल हाई हॉर्स पॉवर इंजन का मरम्मत का कार्य दिया गया था। इसमें अबतक चार इंजनों का मरम्मत कार्य मुकम्मल किया गया। तथा इस वर्ष सभी इंजनों का लॉट को विभिन्न जोन के लिए रवाना किया जाएगा। गौरतलब है कि वर्ष 2020 में जमालपुर वर्कशॉप के डीजल शॉप में डीजल लोको (इंजन) की मरम्मत कार्य बंद कर दिया गया था। यहां कुछ दिनों तक वैगन का कार्य हुआ। लेकिन बीते साल रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली चुनौतीपूर्ण कार्यों में पहली बार 10 डीजल एचएचपी इंजन का वर्कलोड जमालपुर कारखाने को दिया गया।
विभिन्न जोन का है 22 डीजल लोको का वर्कलोड, चुनौतीपूर्ण कार्य
रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली ने जमालपुर वर्कशॉप को विभिन्न जोन की डीजल लोको का वर्कलोड दिया है। वहीं कारखाना को पीओएच, एसआर, आईओएच बीजी एचएचपी इंजन का काम चुनौतीपूर्ण समय पर पूरा करना है। इसमें ईस्टर्न रेलवे का 1, ईसीआर का 1, एनएफआर का 13, एससीआर का 7 यानि कुल 22 लोको शामिल है। जबकि गोल्डन रॉक वर्कशॉप को वर्ष 2025-26 के लिए कुल 78 डीजल लोको का वर्कलोड मिला है।
डीजल एचएचपी इंजन मरम्मत में जुटे हैं 100 कर्मचारी व अधिकारी
जमालपुर डीजल शॉप में डीजल एचएचपी इंजन का मरम्मत कार्य में करीब 100 कर्मचारी व अधिकारी जुटे हैं। गौरतलब है कि एक डीजल एचएचपी लोको निर्माण में लगभग 12 करोड़ रुपए की लागत आती है। और इनका लाइफ 36 साल होता है। प्रत्येक 18 साल होने पर इंजन का पहला और आखिरी पीओएच किया जाता है। गुवाहाटी से लाया गया लोको इंजन का पहला पीओएच जमालपुर वर्कशॉप में किया गया है। इसमें करीब पांच करोड़ रूपये खर्च हुए थे। इसकी स्पीड करीब 160 किलोमीटर प्रति घंटा होती है।
क्या कहते है अधिकारी
जमालपुर वर्कशॉप में फिर से वर्कलोड दिया गया है। उसे चुनौतीपूर्ण स्वीकार करने और समय के पहले गुणवत्तापूर्ण कार्यों को अंजाम देने में कुशल कर्मी जुटे हैं। बीते साल 10 डीजल लोको दिया गया था, इसबार कुल 22 डीजल लोको का मरम्मत कार्य कार्य दिया गया है। इसे समय पर पूरा करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।
डिप्ती मॉय दत्ता, इंचार्ज सीपीआरओ, पूर्व रेलवे कोलकाता
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