जिले के 10247 हेक्टेयर में होगी गरमा फसलों की खेती
मुंगेर जिले में रबी फसल कटाई के बाद गरमा मूंग, गरमा तिल, गरमा मक्का और ढैंचा की खेती की जाएगी। कृषि विभाग ने किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान पर बीज उपलब्ध कराया है। इस साल 10,247.48 हेक्टेयर में इन फसलों...

मुंगेर , निज प्रतिनिधि । रबी अभियान के तहत फसल की कटनी का कार्य पूर्ण होने के बाद जिले में गरमा मूंग, गरमा तिल, गरमा मक्का व ढैंचा की खेती की जाएगी। कृषि विभाग रबी की समाप्ति व खरीफ की खेती प्रारंभ होने के बीच की अवधि में गरमा फसल की बोआई की तैयारियों में अभी से लग गया है। इसके लिए सभी प्रखंडों के लिए बकायदा लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लक्ष्य के अनुरूप सभी प्रखंडों में गरमा मूंग, तिल, मक्का व ढैंचा की खेती की जाएगी। गरमा फसल की खेती को लेकर किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। कम अवधि की खेती में किसान अधिक से अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकें, इसके लिए बीज की खरीद पर 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया गया है।
कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस साल जिले में 1 0 247. 48 हेक्टेयर में विभिन्न गरमा फसलों की खेती का लक्ष्य रखा गया है। मूंग,5905 65 हेक्टेयर में, मम्का 2832 .72 हेक्टेयर , उड़द 730.10 हेक्टेय, ढैंचा 612 .82 हेक्टेयर, गन्ना 57 52 हेक्टेयर तथा अन्य गरमा फसल हेक्टेयर में लक्ष्य रखा गया है। वहीं कृषि विभाग की ओर से जिले को उपलब्ध कराए गए 1005. 82 क्विंटल में 1000. 68 क्विंटल विभिन्न गरमा फसलों की बीज 8153 किसानों के बीच अनुदानित दर पर उपलब्ध भी करा दिया गया है। गर्मा खेती से होने वाले फायदा के संबंध में किसानों को किसान सलाहकार कर रहे जागरूक : किसानों को इन फसल की खेती से होने वाले लाभ की जानकारी के लिए किसान सलाहकार गांवों में जाकर किसानों को विस्तृत जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। गौरललव है कि वर्ष 2024 में किसानों ने गरमा खेती के मामले में काफी उत्साह दिखाया था । यही कारण रहा कि पिछले वर्ष जिले में व्यापक पैमाने पर गरमा मूंग व मक्का की खेती की गई थी। किसानों के उत्साह को देखते हुए इस साल इसके रकबा को बढ़ा दिया गया है। अप्रैल से जून माह की अवधि गरमा फसल के लिए काफी उपयुक्त : गरमा मूंग, उड़द, मक्का , ढैंचा की फसल को तैयार होने में मात्र तीन माह का वक्त लगता है। कृषि विभाग ने बताया कि अप्रैल से जून माह की अवधि गरमा फसल के लिए सबसे उपयुक्त होती है। इस बीच किसानों के खेत रबी व खरीफ की खेती के बीच की अवधि में खाली रहते हैं। इसी खाली अवधि में गरमा मूंग, गरमा मक्का, गरमा तिल व अन्य गरमा फसलों की खेती किसानों के लिए फायदेमंद होती है। ------- जो किसान गरमा खेती के लिये बीज प्राप्त कर चुके हैं, वे वह जल्द से जल्द अपने खेतों में बुवाई कर दें । इस सीजन में कई बार बेमौसम बारिश होने से खेतों में पर्याप्त मात्रा में नमी उपलब्ध है । किसानों को इसका लाभ लेते हुए बिना विलंब किए गरमा फसलों के लिए बुवाई कर दें । गरमा फसल खेतों में हरी खाद का भी काम करता है । ब्रजकिशोर , जिला कृषि पदाधिकारी मुंगेर ।
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