Munger University Faces Challenges in Postgraduate Education Due to Lack of Regular Faculty Appointments अब तक पीजी विभागों में पद सृजन का मामला लंबित, Munger Hindi News - Hindustan
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अब तक पीजी विभागों में पद सृजन का मामला लंबित

मुंगेर विश्वविद्यालय में पिछले तीन वर्षों से स्नातकोत्तर विभागों में नियमित विभागाध्यक्षों और शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकी है। शिक्षा विभाग की उदासीनता के कारण शिक्षकों को दोहरी जिम्मेदारी निभानी...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुंगेरSat, 19 April 2025 02:39 AM
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अब तक पीजी विभागों में पद सृजन का मामला लंबित

मुंगेर, एक संवाददाता। मुंगेर विश्वविद्यालय द्वारा पिछले लगभग तीन वर्षों से 20 विभिन्न विषयों में स्नातकोत्तर विभागों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन आज तक इन विभागों में नियमित विभागाध्यक्षों एवं शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकी है। विश्वविद्यालय ने करीब तीन वर्ष पूर्व ही सीनेट एवं सिंडिकेट से पद सृजन का प्रस्ताव पारित कर उच्च शिक्षा विभाग को भेजा था, किंतु अब तक विभाग की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की गई है। विश्वविद्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के समक्ष स्नातकोत्तर विभागों में पद सृजन का मामला बार-बार उठाया जा रहा है। लेकिन, शिक्षा विभाग, तकनीकी कारणों का हवाला देकर इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल चुका है।

ऐसी स्थिति में विश्वविद्यालय ने तात्कालिक व्यवस्था के तहत अपने विभिन्न कॉलेजों के वरीय शिक्षकों एवं प्राचार्यों को विभागाध्यक्ष बनाकर और विभागों में नियुक्त कर स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों का संचालन शुरू किया है। इन शिक्षकों से, जिनमें से कई मुख्यालय से काफी दूर स्थित कॉलेजों में पदस्थापित हैं, दोहरी-तीहरी जिम्मेदारी ली जा रही है। एक ओर उन्हें अपने कॉलेज की जिम्मेदारी निभानी है, वहीं दूसरी ओर स्नातकोत्तर विभाग की भी जिम्मेदारी दी गई है। इनमें कई शिक्षक ऐसे भी हैं, जो विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रशासनिक पदों पर भी कार्यरत हैं। ऐसे में वे अपने-अपने विभाग, कॉलेज और विश्वविद्यालय की जिम्मेदारियों को उचित ढंग से निभाने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं। कई शिक्षकों ने बताया कि मुख्यालय से दूरी के कारण समय प्रबंधन और संसाधनों की कमी के चलते कार्य करना अत्यंत चुनौतीपूर्ण हो गया है। इसके अलावा उन्हें कोई यात्रा भत्ता भी नहीं दिया जा रहा है, जिससे वे अपने निजी खर्च पर विभागीय जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

इस अस्थायी व्यवस्था के चलते न केवल शिक्षकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि छात्रों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। शिक्षा विभाग की इस उदासीनता का दंश यहां के छात्र झेलने को मजबूर हैं और इसी हालात में वे अपनी स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी कर रहे हैं। ऐसे में, छात्र-छात्राओं की मांग है कि, शिक्षा विभाग जल्द से जल्द स्नातकोत्तर विभागों में नियमित पदों का सृजन करे, ताकि विभागों का संचालन व्यवस्थित ढंग से हो सके और विभागीय गतिविधियां भी सुचारू रूप से संचालित की जा सके।

कहते हैं अधिकारी:

मुंगेर विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं की आवश्यकता एवं मांग को देखते हुए उनके हित में विश्वविद्यालय द्वारा स्नातकोत्तर विभाग खोले गए हैं। लेकिन अभी तक विभागों में पदों का सृजन नहीं हो पाया है। विभागों में विभिन्न पदों का सृजन एवं नियमित नियुक्तियों के लिए उच्च शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। कुलपति द्वारा इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और मामला शिक्षा विभाग के समक्ष उठाया जा रहा है। फिलहाल, विश्वविद्यालय सीमित संसाधनों के साथ यथासंभव गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का प्रयास कर रहा है। आशा है कि जल्द ही शिक्षा विभाग इस दिशा में कदम उठाते हुए आवश्यक पदों का सृजन करेगा।

-प्रो. भवेशचंद्र पांडेय, डीएसडब्ल्यू, मुंगेर

विश्वविद्यालय

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