दुनिया का सबसे तेज उड़ान भरने वाला पक्षी सहरसा में दिखा
सहरसा में पक्षी विशेषज्ञ ने पेरेग्रीन फाल्कन देखा, जो दुनिया का सबसे तेज पक्षी है और 400 किमी प्रति घंटे की गति से शिकार करता है। यह मादा पक्षी नवहट्टा के पास मिली, जिसका आकार नर से 30 फीसदी बड़ा है।...

सहरसा, रंजीत। दुनिया का सबसे तेज उड़ान भरने और शिकार करने में माहिर अमेरिकन पक्षी पेरेग्रीन फाल्कन सहरसा में दिखा। सहरसा जिले के नवहट्टा से सलखुआ तक लगभग 35 किमी की दूरी में कोसी नदी और तट पर सर्वेक्षण के दौरान पक्षी विशेषज्ञ को कई तरह के पक्षी दिखे, लेकिन पेरेग्रीन फाल्कन का दिखना सबसे सुखद संयोग रहा। दरअसल, पेरेग्रीन फाल्कन दुनिया में इकलौता शक्तिशाली पक्षी है जिसके पास उड़ान और शिकार दोनों की गजब क्षमता है। यह 400 किमी प्रति घंटे की गति क्षमता से पंजे से झपट्टा मारते शिकार करने के लिए जाना जाता है। यह 13 से 23 इंच लंबा होता है और इसके पंखे का स्पैन 29 से 47 इंच तक का होता है।
सहरसा जिले में नवहट्टा के पास दिखा पेरेग्रीन फाल्कन मादा था, जिसका आकार नर की तुलना में 30 फीसदी बड़ा यानी डेढ़ किलोग्राम का होता है। इसे शाहीन बाज के नाम से भी जाना जाता है। पक्षी विशेषज्ञ ज्ञानचंद ज्ञानी ने कहा कि सहरसा जिले में नवहट्टा के समीप दुनिया का सबसे तेज 400 किमी प्रति घंटे की गति से झपट्टा मारकर शिकार करने वाला प्रवासी पक्षी पेरेग्रीन फाल्कन दिखा। गर्मी के मौसम में इसका दिखना यह बताता है कि कोसी का पारिस्थितिकीय तंत्र प्रवासी पक्षियों को अनुकूल वातावरण देता है। उन्हें यहां भोजन के पर्याप्त आहार मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा शीत ऋतु में झील जम जाने के बाद ओशियन दिशा से आने वाली प्रवासी समुद्री पक्षी लिटिल टर्न, लिटिल स्टिन्ट आदि दिखे। सहरसा जिले के नवहट्टा से सलखुआ तक लगभग 35 किमी की दूरी में कोसी नदी के सर्वेक्षण में 38 प्रजाति के 2500 देशी-विदेशी पक्षी दिखी। सर्वेक्षण में सहयोग दे रहे वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग सहरसा के रेंजर वीरेन्द्र कुमार राय ने कहा कि पहली बार अमेरिकन पक्षी पेरेग्रीन फाल्कन इस इलाके में दिखा। सबसे अधिक स्मॉल प्रेंटिकॉल पक्षी दिखा: सर्वेक्षण दौरान पक्षी विशेषज्ञ को सबसे अधिक स्मॉल प्रेंटिकॉल पक्षी दिखा। सैकड़ों की संख्या में लिटिल टर्न और 70 सुरखाब दिखे। विशेषज्ञ ने कहा कि जगह-जगह उदविलाव का माद दिखाई दिया पर उदविलाव नजर नहीं आया। 30 गांगेय डॉल्फिन नजर आए: नवहट्टा से सलखुआ के पहले तक कोसी नदी में विचरते 30 गांगेय डॉल्फिन विशेषज्ञ की टीम को नजर आए, जो वयस्क और किशोर दोनों तरह के थे। राजनपुर में करीब आठ की संख्या में झुंड में गांगेय डॉल्फिन दिखा।
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