कभी यात्रियों से था गुलजार, आज वीरान पड़ा है संग्रामपुर सरकारी बस स्टैंड
संग्रामपुर में सरकारी बस स्टैंड वीरान हो गया है। पहले यहाँ से बिहार और झारखंड के विभिन्न जिलों के लिए बसें चलती थीं, लेकिन अब मुंगेर जिला मुख्यालय के लिए कोई बस नहीं है। स्थानीय नेता इस उपेक्षा पर...

संग्रामपुर, एक संवाददाता। एक समय था जब संग्रामपुर सरकारी बस स्टैंड से बिहार एवं झारखंड के विभिन्न जिलों के लिए बसें चला करती थी। बस स्टैंड यात्रियों से गुलजार रहा करता था। लेकिन आज जिला मुख्यालय के लिए भी एक भी सरकारी बस नहीं है। जबकि प्रतिदिन यहां के लोग किसी ना किसी कार्य के लिए मुंगेर जाते हैं। संग्रामपुर प्रखंड मुंगेर जिला मुख्यलय से 70 किलोमीटर दूर है। रखरखाव नहीं होने से सरकारी बस स्टैंड जीर्णशीर्ण होकर रह गया है। जिले के हर प्रखंड से मुंगेर मुख्यलय जाने के लिए परिवहन विभाग की ओर से बसें चलायी जा रही है। लेकिन संग्रामपुर प्रखंड से एक भी बस जिला मुख्यलय के लिए नहीं है।
रालोसपा के प्रदेश महासचिव सुरेन्द्र यादव, कांग्रेस के पूर्व जिला उपाध्यक्ष दशरथ राम, राजद जिला उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह आदि ने बताया कि जिले के तारापुर, असरगंज, टेटियाबंबर, हवेली खड़गपुर से मुंगेर के लिए परिवहन विभाग की ओर से बसें चलायी जा रही है। लेकिन बस के मामले में संग्रामपुर की उपेक्षा की जा रही है। जदयू प्रखंड अध्यक्ष कमल नयन सिंह ने कहा कि सरकारी बस स्टैंड मवेशी एवं चारा रखने का केन्द्र बनकर रह गया है। सुल्तानगंज- देवघर मुख्य मार्ग एवं बांका तथा जमुई जिला मार्ग पर अवस्थित संग्रामपुर बस स्टैंड से कुछ वर्ष पहले तक भागलपुर,पूर्णियां,कटिहार ,चकाई, जोगवनी,रांची, गिरीडीह,बोकारो,मुंगेर के लिए प्रतिदिन बसें चलती थी। बस स्टैंड यात्रियों से गुलजार रहता था। लेकिन अब बस स्टैंड वीरान होकर रह गया है। संग्रामपुर बस डिपो को अपनी करीब चार बीघा जमीन है। पहले किसानों के हाथों था अब यह जमीन परती है। जमीन का अतिक्रमण भी किया जा रहा है।
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