Urgent Need for Repairs at Salempur Urdu Primary School Amidst Crumbling Infrastructure उर्दू प्राथमिक विद्यालय सलेमपुर का रात्रि में छत का बड़ा टुकड़ा गिरा, Munger Hindi News - Hindustan
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उर्दू प्राथमिक विद्यालय सलेमपुर का रात्रि में छत का बड़ा टुकड़ा गिरा

र्रवाई मुंगेर, निज प्रतिनिधि। शिक्षा विभाग शिक्षा के क्षेत्र में भले ही बेहतरी की बातें कर रहे हों मगर सच्चाई कुछ और ही है। सदर प्रखंड की श्रीमतपुर पं

Newswrap हिन्दुस्तान, मुंगेरFri, 25 April 2025 03:07 AM
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उर्दू प्राथमिक विद्यालय सलेमपुर का रात्रि में छत का बड़ा टुकड़ा गिरा

मुंगेर, निज प्रतिनिधि। शिक्षा विभाग शिक्षा के क्षेत्र में भले ही बेहतरी की बातें कर रहे हों मगर सच्चाई कुछ और ही है। सदर प्रखंड की श्रीमतपुर पंचायत के उर्दू प्राथमिक विद्यालय सलेमपुर की बात करें तो स्वत: ही विभाग के दावे की पोल खुल जाती है। इस विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने के लिये दो कमरे तो है, लेकिन दोनो कमरा अति जर्जर है। दो दिनों पहले रात में विद्यालय के कमरे में छत का एक बड़ा सा हिस्सा टूटकर उपस्कर पर गिर गया। अगर स्कूल के टाइम छत का चट्टान गिरता तो यह अंदाजा लगाया जा सकता है, कि कितना बड़ा हादसा होता। ईश्वर का शुक्र ही है कि छत का ठुकड़ा रात में गिरा, जिसके कारण एक बड़ा हादसा टल गया।

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प्रति दिन गिर रहा छत का टुकड़ा, बरामदा पर चल रहा स्कूल:

उर्दू प्राथमिक विद्यालय सलेमपुर में छत का टुकड़ा गिरना प्रति दिन जारी है, जिसके कारण विद्यालय का संचालन वर्ग कक्ष में न होकर एक छोटा सा बरामदा पर चल रहा है। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि शिक्षा विभाग का दावा कहां तक सच है। यहां तक कि भवन अति जर्जर रहने की जानकारी जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कई वर्षों से है, बावजूद इस ओर काई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अगर विभाग की ओर से अविलंब इस विद्यायल की दुर्दशा पर ध्यान नहीं दिया गया तो इस विद्यालय में नामांकित 81 नौनिहालों का भविष्य बर्वाद हो सकता है। इस ओर विभाग को अविलंब ध्यान देने की जरूरत है।

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बोले प्रधानाध्यापक:

उर्दू प्राथमिक विद्यालय सलेमपुर के प्रधानाध्यापक मो. शदाव अख्तर ने बताया कि विद्यालय में पठन-पाठन के लिये दो कमरे हैं, दोनो कमरा इतना जर्जर है कि प्रतिदिन कमरे में छत का टुकड़ा उपस्कर पर गिरता है। अहम बात तो यह है कि दो दिन पहले रात में छत से बड़ा चट्टान टूटकर गिर पड़ा। अगर यह स्कूल टाइम में गिरता तो क्या स्थिति होता। भय के कारण स्कूल का संचालन बरामदा पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भवन जर्जर रहने से संबंधित जानकारी विभागीय अधिकारियों को कई बार दे दिया गया है।

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विद्यालय में भवन की जर्जर स्थिति से निपटने के लिये स्कूल को राशि दी जाती है। वैसे इस संबंध में इंजीनियर को विषेश रूप से ध्यान देना चाहिये कि कहां की कैसी स्थिति है। जल्द ही विद्यालय में जर्जर भवन से बच्चों को निजात मिलेगा। इसके लिये पूरा प्रयास किया जायेगा।

मो.असगर अली, डीईओ मुंगेर।

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