दाखिल-खारिज को लंबित रखने पर नीतीश सरकार सख्त, बिहार के दो जिलों में DLCR निलंबित
आरोप पत्र और अनुशंसा के बाद इस मामले की समीक्षा अनुशासनिक प्राधिकार के स्तर पर की गयी। उसके बाद दोनों द्वारा बरती गई शिथिलता को बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली के प्रावधानों के भी प्रतिकूल माना गया है।

बिहार सरकार ने कार्य में लापरवाही के आरोप में मुजफ्फरपुर के डीसीएलआर पूर्वी संजय कुमार को निलंबित कर दिया है। इससे पहले पश्चिमी डीसीएलआर धीरेंद्र कुमार को भी निलंबित किया गया था। सामान्य प्रशासन विभाग ने सोमवार को मुजफ्फरपुर पूर्वी डीसीएलआर के साथ ही बेतिया सदर डीसीएलआर सादिक अख्तर को भी निलंबित किया है।
आदेश के अनुसार, इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यों के निबटारे में शिथिलता बरतने, मुख्य सचिव और विभागीय स्तर पर बार-बार निर्देश देने के बावजूद उनके क्रियाकलापों में सुधार नहीं होने, दाखिल खारिज अपीलवादों को लंबित रखने और ऑफिसियल लॉगिन का उपयोग नहीं कर के अपने निजी लॉगिन से वाद दायर करने संबंधी आरोप लगाए गए हैं। दोनों पदाधिकारियों के कार्य में लापरवाही को देखते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने उन्हें निलंबित कर अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की थी।
आरोप पत्र और अनुशंसा के बाद इस मामले की समीक्षा अनुशासनिक प्राधिकार के स्तर पर की गयी। उसके बाद दोनों द्वारा बरती गयी शिथिलता को बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली के प्रावधानों के भी प्रतिकूल माना गया है। निलंबन अवधि में दोनों का मुख्यालय तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त कार्यालय मुजफ्फरपुर निर्धारित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह सामान्य प्रशासन विभाग ने डीसीएलआर पश्चिमी को निलंबित किया था, जिनकी जगह पर नये डीसीएलआर ने पदभार ग्रहण किया निलंबित दोनों डीसीएलआर पर गंभीर आरोप थे। इन अधिकारियों पर दाखिल खारिज के खिलाफ दायर याचिका को बड़ी संख्या में लम्बे समय तक लंबित रखने, लगान निर्धारण में अनावायक देरी करने और अपने व्यक्तिगत लॉगइन से कार्यालय का काम निपटाने जैसे गंभीर आरोप थे।
इन दोनों अधिकारियों को डीएम सुब्रत कुमार सेन ने चेतावनी देते हुए स्पष्टीकरण की भी मांग की थी। आदेश के बावजूद कार्य में लापरवाही बरतने के कारण इनके खिलाफ शिकायतों का अंबार लग गया था। आखिरकार सामान्य प्रशासन विभाग ने दोनों अधिकारियों पर तीन दिनों के भीतर कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया है।