सहायक प्राध्यापकों के कटऑफ पर आयोग ने मानी चूक
बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने होमसाइंस के सहायक प्राध्यापकों की बहाली में अपनी चूक मानी है। आयोग ने साक्षात्कार के कटऑफ अंक में गलती की थी। अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए कटऑफ 63 होना चाहिए था, जबकि...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने होमसाइंस के सहायक प्राध्यापकों की बहाली में अपनी चूक मानी है। आयोग के सचिव ने इस बारे में एक पत्र जारी किया है। 'हिन्दुस्तान' में सात अप्रैल को छपी खबर के बाद विवि सेवा आयोग ने इस बारे में अपनी चूक मानते हुए वेबसाइट पर शुद्धि पत्र जारी किया है।
विवि सेवा आयोग की तरफ से सात अप्रैल को जारी पत्रांक संख्या 2025/988 में कहा गया है कि गृह विज्ञान विषय के सहायक प्राध्यापक पद पर चयन के लिए आयोजित साक्षात्कार से संबंधित विभिन्न आरक्षण कोटिवार कटऑफ अंक और आमंत्रित किये जाने वाले अभ्यर्थियों की सूची प्रकाशित है। अत्यंत पिछड़ा वर्ग कोटि अंतर्गत साक्षात्कार के लिए मात्र एक पुरुष अभ्यर्थी ही पात्र थे, जिन्हें 100 में 78 अंक थे। इस कारण अत्यंत पिछड़ा वर्ग कोटि में कटऑफ अंक 78 अंकित हो गया। वस्तुत: अत्यंत पिछड़ा वर्ग कोटि का कटऑफ 63 है। हालांकि, इस मामले पर जब आयोग के अध्यक्ष प्रो. गिरीश चौधरी से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनका फोन आउट ऑफ रीच मिला। 77 अंक पर रिजल्ट जारी होने पर बिहार विवि के भी कई अभ्यर्थियों ने आपत्ति जताई थी। बीआरएबीयू की अभ्यर्थी कुमारी रंजना और अभिलाषा कुमारी ने बताया कि चयनित होने में आधा नंबर मायने रखता है। जब साक्षात्कार के लिए कटऑफ 78 तय था तो रिजल्ट 77 अंक पर कैसे निकाला गया। आयोग ने 83 पदों के लिए साक्षात्कार का आयोजन किया था।
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