सामुदायिक शादी मंडप महिलाओं को देगा आर्थिक बोझ से मुक्ति
मुजफ्फरपुर में 20 हजार से अधिक महिलाओं ने सामुदायिक शादी मंडप के निर्माण की मांग की है। महिलाओं का कहना है कि इससे शादी-ब्याह का आर्थिक बोझ कम होगा। सरकार से प्रस्ताव भेजा जा रहा है कि हर पंचायत में...

मुजफ्फरपुर, अनामिका। सामुदायिक शादी मंडप महिलाओं को आर्थिक बोझ से मुक्ति देगा। महिला संवाद के दौरान 20 हजार से अधिक महिलाओं ने पंचायतों में सामुदायिक शादी मंडप निर्माण की मांग की है।
महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं की उनतक पहुंच बनाने के साथ ही उनकी जरूरतों पर प्रस्ताव बनाकर हर जिले से सरकार ने मांगा है। जिले की महिलाओं की मांग है कि पंचायत सरकार भवन की तर्ज पर सामुदायिक विवाह मंडप भी बने। इसमें शादी के सामान से लेकर ठहरने, भोजन बनाने आदि का सस्ते दर पर प्रबंध हो। महिलाओं के हाथ में ही इसकी कमान हो ताकि महिलाओं को रोजगार भी मिल सके। महिलाओं ने कहा कि बिहार दहेज मुक्त बन रहा है, लेकिन आज भी शादी ब्याह का इंतजाम करने को लेकर आर्थिक बोझ बना रहता है। शादी करने की जगह से लेकर भोजन के इंतजाम में लाखों खर्च होते हैं। ऐसे में अगर इस तरह का मंडप बने तो आर्थिक बोझ कम होगा। महिलाओं की मांग को जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार को भेजा जा रहा है।
80 से अधिक ग्राम संगठनों में महिलाओं ने किया हस्ताक्षर
80 से अधिक ग्राम संगठनों में 20 हजार से अधिक महिलाओं ने महिला संवाद के दौरान सामुदायिक शादी मंडप के समर्थन में हस्ताक्षर किया है। जीविका के राजीव रंजन ने कहा कि इसे प्रोजेक्ट बनाकर भेजा जा रहा है। हर पंचायत में एक-एक सामुदायिक शादी मंडप बनाने को लेकर प्रस्ताव बनाया गया है।
करीब सभी ग्राम पंचायतों में महिलाओं ने इस मुद्दे पर हस्ताक्षर किया है। आशा देवी, रजनी, नीलिमा समेत अन्य महिलाओं ने कहा कि यह सरकारी जमीन पर होगा तो हमें इसके लिए अधिक खर्च नहीं करना पड़ेगा। महिलाओं ने कहा कि शादी मंडप बना तो कम पढ़ी लिखी महिलाएं भी आत्मनिर्भर बन सकेंगी। लड़के और लड़की दोनों पक्ष के लोगों को इससे राहत मिलेगी। महिलाओं ने कहा कि कई योजनाओं का लाभ हमें मिला है, जिसके कारण हम आगे बढ़ पाए हैं। उन्होंने पेंशन बढ़ोतरी की भी मांग की है।
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