जेल में जातीय भेदभाव की जांच को पहुंची टीम
मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में जातीय भेदभाव की जांच के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम पहुंची। अधिकारियों ने कैदियों से जानकारी ली और जाति के नाम पर...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। जेल में जातीय भेदभाव की जांच के लिए बुधवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा पहुंची। जेल के सभी वार्डों में बंदियों से टीम के अधिकारियों ने जानकारी ली। अधिकारियों ने पूछा कि क्या जेल में जाति के नाम पर कोई भेदभाव तो नहीं हो रहा है। अनुसूचित जाति के लोगों को दबंगों की प्रताड़ना का शिकार तो नहीं होना पड़ रहा है। खाना के लिए लाइन में उन्हें किसी तरह की प्रताड़ना या भेदभाव तो नहीं झेलनी पड़ रही। ऐसे कई बिंदुओं पर अधिकारियों ने सवाल किए। जेल प्रशासन ने बताया कि जांच में एक भी शिकायत सामने नहीं आई।
सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका (सिविल) संख्या 406/ 2013 के मामले में जारी निर्देश का जेल में अनुपालन हो रहा है या नहीं, इसकी पड़ताल की गई। सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में आदेश दिया था कि जेल में बंदियों की जाति नहीं खोली जाएगी। नामांकन रजिस्टर से लेकर अन्य किसी स्तर पर बंदियों की जाति के बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाएगी। इस आदेश के बाद जेल में आने वाले बंदियों से सार्वजनिक तौर पर जाति आदि नहीं पूछी जा रही है। इससे पहले जेल में इंट्री के समय ही बंदी की तमाम जानकारी एडमिशन रजिस्टर में अंकित करने का प्रावधान था। अब सुप्रीम कोर्ट ने जातिगत भेदभाव को लेकर निर्देश जारी किया है। इसी मामले में जिला अधिकारी और जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव को संयुक्त रूप से जेल में कैदियों के बीच जातिगत भेदभाव से संबंधित रिपोर्ट भेजनी है। इसकी जांच के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकारी की सचिव जयश्री की अध्यक्षता में एडीएम विधि व प्रशासन, एसडीएम पूर्वी समेत कई अधिकारी शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा पहुंचे थे।
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