MIT Students Develop Robotic Arm for Automatic Bathroom Cleaning सेंसर आधारित रोबोटिक ऑर्म से स्वत: हो जाएगी बाथरुम की सफाई, Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
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सेंसर आधारित रोबोटिक ऑर्म से स्वत: हो जाएगी बाथरुम की सफाई

फोटो : पंकज - एमआईटी के विद्यार्थियों ने किया है तैयार - सीएसआईआर

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरTue, 8 April 2025 06:18 PM
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सेंसर आधारित रोबोटिक ऑर्म से स्वत: हो जाएगी बाथरुम की सफाई

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। एमआईटी के विद्यार्थियों ने बाथरुम की सफाई के लिए रोबोटिक ऑर्म बनाया है। यह सेंसर पर आधारित है और बिना किसी स्वीच के यह नियमित अंतराल पर बाथरुम की सफाई कर देगा। यह करीब 200 लोगों के कार्य को अकेले करने में सक्षम है। इसे तैयार करने में लगभग 10 हजार रुपये लागत आई है। बड़े स्तर पर उत्पादन करने पर इसकी लागत में और कमी आएगी। इसे कॉलेज की टीम रोबोट रेनोवेटर्स ने तैयार किया है। टीम में बायोमेडिकल रोबोटिक्स ब्रांच के गौतम कुमार, विवेक कुमार, एलएस कॉलेज के दिव्य प्रकाश और एक अन्य छात्र छोटू शामिल हैं।

गौतम ने बताया कि बाथरुम की सफाई के लिए अबतक कोई ऐसी तकनीक नहीं है जो स्वत: नियमित अंतराल पर सफाई करे। विशेषकर ट्रेन में और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के उद्देश्य से इसे तैयार किया गया है, जहां बाथरुम की साफ-सफाई की लगातार शिकायतें मिलती हैं। यहां मैनुअल साफ-सफाई कराई जाती है। ऐसे में यह रोबोटिक आर्म बेहतर साबित हो सकता है। इसे या तो समय के आधार पर या सेंसर से लोगों की संख्या के आधार पर सेट किया जा सकता है। उस अंतराल पर यह रोबोटिक आर्म स्वत: बाथरुम की सफाई कर देगा। इसे पेटेंट कराने की प्रक्रिया शुरू की गई है। गौतम ने बताया कि प्रोजेक्ट का चयन बिहार स्टार्टअप के लिए फाइनल सूची में हो गया है। इससे 10 लाख रुपये मिलेंगे। इससे प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने में मदद मिलेगी।

आइडियाथॉन में टॉप-100 में पाया स्थान :

रोबोटिक आर्म को आईआईटी दिल्ली में पांच और छह अप्रैल को आयोजित राष्ट्रीय आइडियाथॉन में टॉप-100 में स्थान मिला है। हालांकि, अंतिम-15 में यह प्रोजेक्ट शामिल नहीं हो सका। बायोमेडिकल रोबोटिक्स ब्रांच के विवेक ने बताया कि उन्हें काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) की ओर से साथ काम करने का ऑफर दिया गया है। सीएसआईआर के समन्वयक सह सीनियर प्रिंसिपल साइंटिस्ट नरेंद्र सिंह जस्सल ने इस प्रोजेक्ट को सराहा। साथ ही, इसपर साथ मिलकर काम करने का ऑफर दिया। कहा कि इसे आगे बढ़ाने के लिए 50 लाख रुपये तक का ग्रांट भी दिलाएंगे। सीएसआईआर की ओर से ऑफर मिलने से टीम उत्साहित है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एमके झा समेत विभाग के शिक्षकों ने रोबोट रेनोवेटर्स टीम को बधाई दी है।

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