आरपीएफ के फर्जी ट्रेनिंग सेंटर मामले में आईसीआईसीआई बैंक मैनेजर घिरे
- बैंक मैनेजर ने बिना भौतिक सत्यापन के ही खोल दिया था चालू खाता -

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। आरपीएफ के फर्जी ट्रेनिंग सेंटर मामले में मुजफ्फरपुर स्थित एक निजी बैंक के एक ब्रांच मैनेजर घिर गये है। उन्होंने बिना सत्यापन के कागज पर चल रही कंपनी का चालू खाता खोल दिया, जिससे 200 करोड़ से अधिक का भुगतान फर्जी ट्रेनिंग सेंटर के अभ्यर्थियों को किया गया। इसका खुलासा वाणिज्यकर विभाग की रिपोर्ट से हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू खाता खोलने के लिए जो कागजात प्रस्तुत किए गए थे, वह भी फर्जी निकले। इस रिपोर्ट के बाद अब सोनपुर रेल पुलिस कभी भी बैंक मैनेजर को गिफ्तार कर सकती है। फिलहाल गिरफ्तारी को लेकर वरीय पुलिस पदाधिकारी के आदेश का इंतजार है। सोनपुर रेल थाना के थानेदार धर्मेंद्र कुमार ने इसकी पुष्टि की है।
मालूम हो कि, दिसंबर 2024 में मोतिहारी के भटहां में आरपीएफ के फर्जी प्रशिक्षण सेंटर का खुलासा हुआ था। इस मामले में मोतिहारी के दीपक कुमार सहित 10 की गिरफ्तार हो चुकी है। वर्तमान में गोरखपुर से दो को सोनपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। फर्जी कंपनी के नाम पर पैसा मंगाकर वेतन दिया गया है। वेतन देने के लिए मुजफ्फरपुर के बनारस बैंक चौक के राजेंद्र तिवारी ने एक ट्रेजरी आरओ नामक कंपनी के नाम पर निजी बैंक में खाता खोला था। फिलहाल राजेंद्र फरार है। सोनपुर रेल पुलिस कई बार उसके घर पर छापेमारी कर चुकी है। राजेंद्र के खिलाफ सोनपुर रेल पुलिस जल्द गिरफ्तारी वारंट भी लेगी।
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