Muzaffarpur Junction Faces Passenger Woes Amid Redevelopment प्लेटफॉर्म पर शेड न स्वच्छ पानी, बोगी की कमी से दैनिक रेलयात्री झेल रहे परेशानी, Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
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प्लेटफॉर्म पर शेड न स्वच्छ पानी, बोगी की कमी से दैनिक रेलयात्री झेल रहे परेशानी

मुजफ्फरपुर जंक्शन पर दैनिक रेल यात्रियों को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। 15-20 हजार यात्री रोजाना सफर करते हैं, लेकिन ट्रेनों की लेटलतीफी, बोगियों की कमी और साफ-सफाई की समस्याएं उन्हें परेशान कर रही...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरThu, 17 April 2025 05:09 PM
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प्लेटफॉर्म पर शेड न स्वच्छ पानी, बोगी की कमी से दैनिक रेलयात्री झेल रहे परेशानी

मुजफ्फरपुर। रेलवे के राजस्व की रीढ़ होने के बावजूद दैनिक रेलयात्रियों का सफर सुविधाजनक नहीं है। मुजफ्फरपुर जंक्शन से प्रतिदिन 15-20 हजार दैनिक रेलयात्री सफर करते हैं। ट्रेनों में धक्के खाकर काम पर जाने वाले इन नौकरीपेशा, कामगार, व्यवसायी और विद्यार्थियों को अपेक्षित सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। इनका कहना है कि मुजफ्फरपुर जंक्शन को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस बनाने को लेकर पुनर्विकास का काम तो जारी है, लेकिन यात्रियों को हो रही परेशानियों पर ध्यान नहीं है। पैसेंजर ट्रेनों की लेटलतीफी, इनकी संख्या और बोगियों की कमी जैसी समस्याओं से रोज जूझते हैं। गर्मी में यात्रियों को स्वच्छ पानी और प्लेटफॉर्म पर शेड की तत्काल व्यवस्था की जाए, ताकि राहत मिले। मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर-मोतिहारी और मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर रेलखंड पर मेमू ट्रेनों की कमी है। जो मेमू ट्रेनें चल रही हैं, उनमें बोगियां कम हो गयी हैं। इससे यात्रियों की भारी भीड़ रहती है। मुजफ्फरपुर से रोज पटना जाने वाले मुन्ना कुमार, शुभम कुमार, अमोद कुमार व विजय कुमार का कहना है कि हमें रोज ट्रेन में चढ़ने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। बोगी में इतनी भीड़ हो जाती है कि सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। ट्रेनों के बाथरूम में साफ-सफाई भी नहीं रहती है। इससे परेशानी और बढ़ जाती है।

अब्दुल माजिद, पाले खान, सिद्धेश्वर प्रसाद, श्याम सुंदर प्रसाद का कहना है मुजफ्फरपुर जंक्शन का अमृत भारत योजना के तहत पुनर्विकास कार्य हो रहा है। लेकिन, इसकी गति काफी धीमी है। निर्माण की वजह से प्लेटफॉर्म और वेटिंग रूम का रकबा कम हो गया है। कंबाइंड बिल्डिंग टर्मिनल को प्लेटफॉर्म से जोड़ने के लिए एफओबी का निर्माण हो रहा है। इसे लेकर प्लेटफॉर्म संख्या सात-आठ के शेड को हटा दिया गया। करीब छह माह से अधिक हो गये, लेकिन अभी तक शेड नहीं लग सका है। यात्रियों को चिलचिलाती धूप में बिना शेड के ट्रेनों का इंतजार करना पड़ता है। हालांकि, रेलवे ने धूप से बचाने के एक छोटा से पंडाल लगाकर खानापूर्ति कर दी है। यहां 50 से अधिक यात्री एक साथ बैठ नहीं सकते हैं। बारिश होने पर यात्रियों को दूसरी जगह ढूंढनी पड़ती है। पीने के लिए पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है। प्लेटफॉर्म एक से लेकर पांच तक में सिर्फ पांच फ्रिजर हैं, जो यात्रियों की संख्या की तुलना में नाकाफी हैं। गर्मी में पानी की किल्लत से दुश्वारी होती है।

ट्रेनों की लेटलतीफी बड़ी समस्या :

चैतन्य कुमार, सरिता देवी, शुभम कुमार, खुर्शीद आलम ने बताया कि मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेलखंड पर सबसे बड़ी समस्या ट्रेनों की लेटलतीफी है। मुजफ्फरपुर-सीताम़ीढ़ी सिंगल लाइन होने की वजह से एक्सप्रेस ट्रेनों के चक्कर में मेमू और डेमू ट्रेन रफ्तार नहीं पकड़ पाती हैं। एक्सप्रेस ट्रेनों की पासिंग के लिए लोकल ट्रेनों को छोटे स्टेशनों पर घंटों रोक दिया जाता है। कई लोकल ट्रेनें घंटों देर से चलती हैं, जिससे नौकरीपेशा लोगों और छात्रों को समय पर गंतव्य तक पहुंचने में दिक्कत होती है। छात्रों को ट्रेनों की लेटलतीफी के कारण परीक्षा से वंचित होना पड़ता है।

महिलाओं के कोच में घुस जाते पुरुष यात्री :

वंदना झा, सरिता देवी ने बताया कि महिला यात्रियों को रेलयात्रा के दौरान असुरक्षा और असुविधा का सामना करना पड़ता है। महिलाओं के लिए अलग कोच की सुविधा होने के बावजूद उनमें अक्सर पुरुष यात्री घुस जाते हैं। विरोध जताने पर अक्सर विवाद करने लगते हैं। इस दौरान पुलिस की गैरमौजूदगी खलती है। इसके अलावा शौचालय की साफ-सफाई और पर्याप्त सुरक्षा की कमी से महिला यात्रियों को परेशानी होती है। मुजफ्फरपुर से बेतिया, मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी, सोनपुर-हाजीपुर तक यात्रा करने वालीं अनुराधा चंद्रा, मीनाक्षी कुमारी कहती हैं कि महिलाओं के लिए रेलवे में पर्याप्त सुविधाएं और सुरक्षा नहीं है। रेलवे को इसपर ध्यान देना चाहिए।

बोले जिम्मेदार :

मुजफ्फरपुर जंक्शन पर यात्री सुविधाओं में कटौती, मेमू ट्रेनों से बोगियों की संख्या में कमी और महिला बोगी में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती नहीं होने के मुद्दे को जीएम से लेकर रेलमंत्री मंत्री तक उठाउंगा। दैनिक रेल यात्री रेलवे के अहम अंग हैं। उनको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जो सुविधा मिली है, वह मिलेगी। फिलहाल जंक्शन का पुनर्विकास कार्य हो रहा है, इसे लेकर रेलवे को वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी।

-हरिराम मिश्रा, डीआरयूसीसी मेंबर, पूर्व मध्य रेलवे

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