109 साल पुरानी लाइब्रेरी का भवन जर्जर, इंटरनेट व सीसीटीवी भी नहीं
मधुबनी शहर के असर्फी नारायण यादव जिला केन्द्रीय पुस्तकालय में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों को सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। पुस्तकालय में ई-लाइब्रेरी, स्वच्छ पेयजल,...
मधुबनी। मधुबनी शहर में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों व शोधार्थियों को जरूरी किताबों के साथ एक व्यवस्थित वाचनालय चाहिए। इसमें ई लाइब्रेरी, स्वच्छ पेयजल, वातानुकुलित कक्ष, सीसीटीवी कैमरे आदि की सुविधा आवश्यक है। शहर के बीचोंबीच तिलक चौक स्थित असर्फी नारायण यादव जिला केन्द्रीय पुस्तकालय में आने वाले छात्रों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। भवन कम रहने के कारण किताबों को ठीक से रखने में परेशानी है। यहां लगभग 30 हजार से अधिक पुस्तकें निबंधित हैं। नयी पुस्तकों के लिए सेल्फ व रैक की सुविधा नहीं है। पुस्तकालय की छात्रा खुशबू कुमारी, भारती कुमारी, सावित्री कुमारी, सरोज आदि ने बताया कि पुस्तकालय में गर्मी के दिनों में जल संकट की समस्या गंभीर हो जाती है। एक चापाकल है, जो अभी से ही सूख गया है। ऐसे में हमलोगों को काफी परेशानी होती है। पुराने भवन के क्षतिग्रस्त रहने से बरसात में अधिक परेशानी होती है। छत के जीर्णोद्धार की आवश्यकता है वरना बरसात में फिर समस्या बढ़ेगी।
पुस्तकालय में मानव बल की कमी है। यही कारण है कि सालभर से दो कम्प्यूटर रखे हुए हैं लेकिन उसे चलाने वाला कोई नहीं है। पुस्तकालय एवं वाचनालय के सौन्दर्यीकरण की बहुत जरूरत है ताकि यहां का माहौल खुशनुमा हो सके। पुस्तकालय व वाचनालय में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे नहीं है। इस कारण यहां कौन आ रहा है और कौन जा रहा है, इसपर नजर नहीं रखी जा रही है। सीसीटीवी लगने से किताबों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
वाचनालय में हो आरामदायक माहौल: किसी भी पुस्तकालय में बगैर वाचनालय के सबकुछ बेकार है। एक अच्छे वाचनालय में जरूरी सुविधाएं होनी चाहिए, जिसमें अध्ययन के लिए शांतिपूर्ण और आरामदायक माहौल, पर्याप्त रोशनी, किताबें, अन्य संसाधन और व्यक्तिगत अध्ययन या समूह कार्य के लिए अलग-अलग जगहें शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, आधुनिक वाचनालयों में इंटरनेट और कंप्यूटर जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध होनी चाहिए, जो यहां पर नहीं है। इससे छात्र व छात्राओं को परेशानी होती है। छात्रों ने बताया कि वाचनालय का वातावरण शांत और सुकून देनेवाला होना चाहिये। अध्ययन के लिए अच्छी रोशनी आवश्यक है, जिससे आंखों पर तनाव कम हो। वाचनालय में व्यक्तिगत अध्ययन के लिए अलग-अलग जगहें और समूह कार्य के लिए कमरे होने चाहिए। इसकी यहां पर भारी कमी है। वाचनालय में प्रिंटर, स्कैनर, और अन्य उपकरण भी नहीं है। वाचनालय में एक सहायक स्टाफ होना चाहिए जो पाठकों को किताबें खोजने और अन्य सवालों के जवाब देने में मदद कर सके।
शाम में मच्छर के कारण पुस्तकालय नहीं आना चाहते हैं छात्र: जिला केन्द्रीय पुस्तकालय के चहुंओर खुला नाला और गंदगी के कारण शाम में सबसे अधिक मच्छर परेशान करता है। इससे छात्र व छात्रा शाम में पुस्तकालय नहीं आना चाहते हैं। पुस्तकालय में नियमित साफ सफाई के साथ छोटा सा पार्क की व्यवस्था होनी चाहिए। नगर निगम को फाॅगिंग मशीन से हर सप्ताह पुस्तकालय के चारों ओर दवा का छिड़काव करना चाहिए। नगर निगम को इसे आर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। ताकि लोग शांतचित होकर पढ़ाई कर सकें। पुस्तकों में दीमक नहीं लगे इसकी व्यवस्था होनी चाहिए।
छात्रों का कहना है कि पुस्तकालय के जीर्णोद्धार के लिए प्रशासनिक स्तर पर तत्काल पहल करने की जरूरत है। स्वतंत्रता पूर्व की यह लाइब्रेरी शहर के लिए गौरव है। इसे सुरक्षित व संरक्षित रखने के लिए जनप्रतिनिधियों को भी आगे आकर पहल करने की जरूरत है। इससे शहर के सैकड़ों छात्र-छात्राओं के साथ आम पाठकों को फायदा होगा।
¶Fû»FZ dþ¸¸FZQFSX
पुस्तकालय में छात्र-छात्राओं की समस्याओं से समय-समय पर विभाग को अवगत कराया जाता है। उनकी समस्या से इनकार नहीं किया जा सकता है। यहां पुस्तकों की कमी नहीं है। सिर्फ भवन की कमी है। इसके लिए विभाग से पत्रचार किया गया है। ई- लाइब्रेरी की सुविधा चालू करने के लिए दो कंप्यूटर आ चुके हैं। कर्मियों की पदस्थापना होते ही उसे चालू कर दिया जाएगा। पानी के लिए यहां पर सबमरसेबल की जरूरत है। इसके लिए प्रयास किया जा रहा है। पुस्तकालय को बेहतर बनाने के लिए काम किया जा रहा है।
- डा. विजय शंकर पासवान, पुस्तकालयाध्यक्ष ,जिला केन्द्रीय पुस्तकालय मधुबनी
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।