चीन पर भारी टैरिफ से मुजफ्फरपुर की लीची को लाभ
मुजफ्फरपुर के लीची किसानों को चीन पर भारी टैरिफ से लाभ मिलेगा। चीन का माल महंगा होने से मुजफ्फरपुर की लीची की विदेशों में मांग बढ़ेगी। इस बार 50 टन लीची भेजने की योजना है। किसानों ने शाही लीची के...

मुजफ्फरपुर, संजय कुमार सिंह चीन पर भारी टैरिफ से इस बार मुजफ्फरपुर के लीची किसानों को लाभ मिलेगा। सबसे बड़े निर्यातक चीन का माल महंगा होने से जिले की लीची की विदेशों में मांग बढ़ेगी। जिले के प्रोसेसिंग यूनिट संचालकों के अनुसार, लीची के साथ स्क्वैश व पल्प को भी इस बार बड़ा बाजार मिलेगा। विदेशों में अच्छी मांग की संभावानाओं को देखते हुए जिले समेत लखनऊ तक की कंपनियां उत्साहित हैं और निर्यात को दोगुना करने की तैयारी कर रही हैं।
लीची का स्क्वैश और पल्प विदेश भेजने वाले जिले के सबसे बड़े निर्यातक व प्रोसेसिंग यूनिट के संचालक आलोक केडिया ने बताया कि चीन पर अमेरिका ने 124 फीसदी टैरिफ लगाया है। उसकी तुलना में भारत पर लगा 26 फीसदी टैरिफ काफी कम है। चीन लीची उत्पाद का सबसे बड़ा निर्यातक है। टैरिफ बढ़ने से वह पहले की तरह अपने उत्पाद अमेरिका नहीं भेज पाएगा। इसका फायदा भारत को मिलेगा। बताया कि जिले से प्रतिवर्ष ढाई सौ टन पल्प और स्क्वैश अमेरिका भेजा जाता है। इस बार चीन से जाने वाले माल की भरपाई भी यहीं से होगी। इससे अच्छा कारोबार होने की संभावना है। इसलिए इस बार अधिक लीची उत्पाद तैयार किया जा रहा है।
मुजफ्फरपुर की शाही लीची की सबसे ज्यादा मांग:
लखनऊ के मोही ग्रुप के निदेशक दीपक मिश्रा ने बताया कि बीते वर्ष मुजफ्फरपुर से 20 टन लीची भेजी गई थी। इस बार शाही लीची की अभी से ही विदेशों से मांग होने लगी है। 50 टन लीची इस बार भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक मुजफ्फरपुर की शाही लीची की मांग रहती है। बताया कि लीची के स्क्वैश और पल्प की भी अच्छी मांग रहेगी।
उन्होंने बताया कि इसी सप्ताह मुजफ्फरपुर के लीची किसान, व्यापारी, लीची एसोसिएशन और उद्यान विभाग के अधिकारी संग बैठक कर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। इस बार यूके, दुबई, कतर, दोहा, इंगलैंड समेत दर्जन से अधिक देशों में मुजफ्फरपुर की शाही लीची भेजने की तैयारी है।
1.25 लाख टन लीची का जिले में होता है उत्पादन
बिहार लीची एसोसिएशन के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि जिले में 1.25 लाख टन लीची का उत्पादन होता है। इसमें शाही लीची की हिस्सेदारी 40 फीसदी है। बताया कि शाही लीची के उत्पादन का 80 फीसदी बिहार के बाहर महानगरों और विदेशों में निर्यात होता है। इधर, उद्यान रत्न किसान भोलानाथ झा ने बताया कि चीन पर टैरिफ बढ़ने का लाभ लीची के किसानों को इस बार मिलेगा। इसको देखते हुए किसान शाही लीची के ठीक से प्रबंधन में जुटे हैं।
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