Supreme Court Orders Colleges to Report on Student Mental Health Initiatives विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य पर कॉलेजों से जवाब तलब, Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
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विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य पर कॉलेजों से जवाब तलब

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कॉलेजों से विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य पर रिपोर्ट मांगी गई है। सभी कॉलेजों को 28 मई से पहले काउंसलर की योग्यता, काउंसलिंग की संख्या और छात्र सेवा केंद्रों की जानकारी...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरSun, 25 May 2025 05:51 PM
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विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य पर कॉलेजों से जवाब तलब

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य पर कॉलेजों से जवाब तलब किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नेशनल टास्क फोर्स कॉलेजों में छात्र-छात्राओं के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर किए गए कामों की जांच कर रही है। बीआरएबीयू के सभी कॉलेजों को 28 मई से पहले एक-एक केस की रिपोर्ट देनी है। किस कॉलेज में कितने विद्यार्थियों की शिकायतें आईं, इन शिकायतों पर हुए काम से लेकर काउंसलर की शैक्षणिक योग्यता का ब्योरा देना है। विवि और कॉलेजों में कितने विद्यार्थियों की अबतक इस संबंध में काउंसिलिंग हुई, इसे बताना है। यूजीसी द्वारा सभी कॉलेजों में शारीरिक फिटनेस, खेल, छात्रों के स्वास्थ्य, कल्याण, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए थे।

इन दिशा-निर्देशों को अक्षरशः लागू करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया गया था। यूजीसी की ओर से सभी कॉलेजों को निर्देश मिला है कि छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को सही रखने के लिए मौजूदा तंत्रों के बारे में जानकारी प्रस्तुत करें। यह डाटा और रिकार्ड देना है कॉलेजों को कॉलेज में शुरू की गई काउंसिलिंग प्रणाली, काउंसलर की संख्या, छात्र और काउंसलर अनुपात, काउंसलर की योग्यता संबंधी रिकार्ड कॉलेजों को देना है। इसके अतिरिक्त कॉलेजों में छात्र समान अवसर केंद्रों की स्थापना को लेकर भी बताना है कि कितने कॉलेजों में इस केन्द्र की स्थापना की गई। निर्धारित समय के भीतर कॉलेज यूएएमपी पोर्टल पर अपना संबंधित डाटा अपलोड करेंगे। यूजीसी ने निर्देश दिया है कि यह डाटा भारत के सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत गठित राष्ट्रीय टास्क फोर्स द्वारा मांगा जा रहा है। टास्क फोर्स छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और उच्च शिक्षा संस्थानों में आत्महत्या की रोकथाम से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों की जांच कर रहा है। अधिकांश कॉलेजों में नहीं बने छात्र सेवा केंद्र सभी कॉलेज और विवि में एक छात्र सेवा केंद्र (एसएससी) बनाने का निर्देश दिया गया था। यह केंद्र तनाव और भावनात्मक समायोजन से संबंधित समस्याओं से निपटने और उनके प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होगा। इसमें छात्रों विशेषकर ग्रामीण पृष्ठभूमि, छात्राओं, सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के छात्रों और विशेष जरूरतमंद छात्रों को सहायता प्रदान करने के लिए व्यवस्था करनी थी। एसएससी के पास सक्षम शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य परामर्शदाता, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ तथा शारीरिक-मनोवैज्ञानिक उपकरण जैसे आवश्यक संसाधन रखने थे। डीएसडब्ल्यू आलोक प्रताप सिंह ने कहा कि अधिकांश कॉलेजों में इसकी व्यवस्था नहीं है। सबसे अधिक छात्र-छात्राएं इस विवि में नामांकन लेते हैं। वे नामांकन से लेकर पढ़ाई तक में अलग अलग तनाव से गुजरते हैं। इसके प्रबंधन को लेकर 80 फीसदी से अधिक कॉलेजों में व्यवस्था नहीं की गई है। कॉलेजों से इसपर रिपोर्ट मांगी गई है ताकि विभाग को उपलब्ध कराया जा सके।

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