Telemedicine Access Only 58 Patients Treated in Bihar Concerns Raised by Health Department टेलीमेडिसिन का लाभ नहीं ले पा रहेआधे मरीज, Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
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टेलीमेडिसिन का लाभ नहीं ले पा रहेआधे मरीज

बिहार में लगभग आधे मरीजों को टेलीमेडिसिन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में यह सामने आया कि केवल 58% मरीजों का ही इलाज हो रहा है। डॉक्टरों द्वारा फोन काटने और पोर्टल पर लॉगिन न...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरWed, 7 May 2025 06:55 PM
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टेलीमेडिसिन का लाभ नहीं ले पा रहेआधे मरीज

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। सूबे में लगभग आधे मरीजों को टेलीमेडिसिन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में यह स्थिति सामने आई है। सूबे में 58 फीसदी मरीजों का ही टेलीमेडिसिन के जरिए इलाज हो पा रहा है। टेलीमेडिसिन से इलाज में मुजफ्फरपुर सूबे में 31वें स्थान पर है। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने कई बार टेलीमेडिसिन में शत-प्रतिशत मरीजों के इलाज का निर्देश दिया है। इसके बावजूद सभी मरीजों को इसकी सुविधा नहीं मिल पा रही है। क्षेत्रीय अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. सरिता शंकर ने बताया कि तिरहुत प्रमंडल के सभी जिलों के सीएस को सभी मरीजों को टेलीमेडिसिन से इलाज की सहूलियत उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।

कॉल करने पर बंद मिलता है फोन स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में बात आई है कि अस्पतालों में डॉक्टर टेलीमेडिसिन पर आने वाली कॉल काट दे रहे हैं या फोन बंद कर दे रहे हैं। इससे मरीजों की डॉक्टरों से बात नहीं हो पा रही है। इसके अलावा, सीएचओ और एएनएम भी टेलीमेडिसिन के लिए पोर्टल को लॉगिन नहीं कर रहीं है। इससे भी मरीजों को कठिनाई आ रही है। विभाग ने इस पर गहरी चिंता जताते हुए सभी जिलों को फोन काटने वाले डॉक्टरों को चिन्हित कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। डायबिटिज से लेकर दमे तक का होता है इलाज टेलीमेडिसन से डायबिटिज से लेकर दमे तक की बीमारी का इलाज होता है। विभाग का कहना है कि अस्पताल तक नहीं पहुंच पाने वाले मजदूर भी टेलीमेडिसिन से ही अपना इलाज करा सकते हैं। ऐसे में टेलीमेडिसिन में लापरवाही से गरीब मरीजों के इलाज पर असर पड़ रहा है। टेलीमेडिसिन के तहत राज्य में 1238 डॉक्टरों और 12679 एएनएम की ड्यूटी लगाई गई है। 51 हजार की जगह 30 हजार का इलाज स्वास्थ्य विभाग के अनुसार टेलीमेडिसन से हर दिन 51 हजार मरीजों का इलाज किया जाना है, जबकि 30 हजार का ही हो रहा है। टेलीमेडिसिन से सबसे कम इलाज औरंगाबाद जिले में हो रहा है। यहां हर दिन 24 फीसदी मरीजों का ही इलाज हो पाता है। पूर्वी चंपारण में हर दिन 28 फीसदी मरीजों का ही इलाज होता है। मुजफ्फरपुर में प्रतिदिन 40 प्रतिशत मरीजों का इलाज हो रहा है। टेलीमेडिसिन से गोपालगंज जिले में सबसे अधिक इलाज रोजाना 149 प्रतिशत मरीजों का इलाज हो रहा है।

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